//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा जब तक बर्खास्त किए गए 1983 पीटीआई को बहाल नहीं किया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने मृतक पीटीआई के आश्रितों की मासिक वित्तीय सहायता रोकने को शर्मनाक व अमानवीय बताते हुए सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग की। प्रदेशाध्यक्ष लांबा ने यह मांग मंगलवार को डीसी आफिस के सामने बर्खास्त पीटीआई के चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को सम्बोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में जब सभी प्रकार की परीक्षाएं रद्द की जा रही है,उसी समय पीटीआई की भर्ती के लिए 9 अगस्त को टेस्ट लेने का फैसला लिया जा रहा है। सरकार व कर्मचारी चयन आयोग का यह निर्णय अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस टेस्ट को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार बर्खास्त किए गए पीटीआई की सेवाएं बहाल करने के विकल्पों पर विचार विमर्श करने की बजाय बर्खास्त पीटीआई को टेस्ट देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में लाकडाउन खत्म होने के बाद नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर 5 महीने में खत्म करने को कहा था। लेकिन सरकार इतनी जल्दबाजी में थी की लाटडाउन खत्म होने से पहले ही 1983 पीटीआई को बर्खास्त कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी,जो कोर्ट के फैसले के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अब पीटीआई का आनंदोलन जन आंदोलन बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि संधर्ष समिति सभी सांसदों व विधायकों को ज्ञापन दे चुकी है और अब बर्खास्त पीटीआई जनता की अदालत में जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को पलवल में एक जन पंचायत का आयोजन किया जा रहा है।
धरने पर शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति के सदस्य ब्रजेश नागर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य आडीटर राजसिंह व जिला अध्यक्ष मास्टर भीम सिंह उपस्थित थे।
No comments :