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हरियाणा में 6 साल में 970 अवैध कालोनियां, भारी राजस्व नुकसान

Posted by : pramod goyal on : Friday, 6 March 2020 0 comments
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चंडीगढ़।
हरियाणा में अवैध कालोनी काटने वाले कालोनाइजरों के हौसले आज भी बुलंद हैं। वैसे तो जब से हरियाणा बना है, ये खेल बदस्तूर जारी है। मगर करीब ढाई दशक के दौरान इन अवैध कालोनियों का गोरखधंधा इस कदर फैला कि कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ नदियों  तक की जमीन भी आज अवैध कालोनियों में तबदील हो चुकी हैं। कालोनाइजर बिना सरकार की अनुमति ये कालोनियां काटते हैं और फिर प्लॉटिंग कर लोगों को बेच देते हैं। पहले तो इन अवैध कालोनियों में इन प्लाटों की रजिस्ट्री भी हो जाती थी।
मगर यहां प्लाट खरीदने वाले लोग उस वक्त ठगा महसूस करते थे, जब संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा इन अवैध कालोनियों में विकास कार्य करवाने से साफ इंकार कर दिया जाता था। आज भी सैंकड़ों अवैध कालोनियों के लोग अपनी बुनियादी सुविधाओं तक से वंचित है। दूसरा, इन कालोनियों को काटने से पहले सरकार की अनुमति न लेने की वजह से सरकार को भी भारी राजस्व नुकसान पहुंचा है। हालांकि सरकारों ने हारकर 50 फीसद से अधिक विकसित कई अवैध कालोनियों को रेगुलर भी किया है, ताकि वहां रहने वाले लोगों को सुविधाएं मिल सकें।

फिर भी इन अवैध कालोनियों का गोरखधंधा आज भी जारीहै। जनवरी 2014 से लेकर जनवरी 2020 तक देखें तो प्रदेश में इन छह सालों में 2642.12 एकड़ जमीन पर 970 अवैध कालोनियां और काटी जा चुकी हैं। कुरुक्षेत्र में 100 तो रेवाड़ी, अंबाला, रोहतक, फरीदाबाद में 60 से ज्यादा कालोनियां काटी गई है। सरकार की ओर से इस दौरान अवैध कालोनी काटने पर 967 को नोटिस जारी किया गया है। जबकि 428 के खिलाफ केस  भी दर्ज करवाया गया है।

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