//# Adsense Code Here #//
नई दिल्ली | सुप्रीम काेर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म के वीडियाे और तस्वीराें के ऑनलाइन प्रसार राेक लगाने के लिए इंटरनेट, साेशल कंपनियाें- गूगल, वाॅट्सएप और फेसबुक सहित अन्य संबंधित के साथ बैठक फिर से शुरू करे। चीफ जस्टिस एसए बाेबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को हैदराबाद की एनजीओ प्रज्वला की एक चिट्ठी काे याचिका मानकर सुनवाई कर रही है।
प्रज्वला की ओर से वकील अपर्णा भट ने काेर्ट काे बताया कि साइट्स पर दुष्कर्म और अन्य पाेर्न वीडियो के प्रसार पर प्रभावी ढंग से राेक लगाने के मुद्दे पर केंद्र ने दिसंबर 2018 से संबंधित कंपनियाें की बैठक नहीं बुलाई है। इस संबंध में केंद्र काे निर्देश जारी किया जाए। इस पर केंद्र की ओर से साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गृह मंत्रालय बैठक बुलाएगा। इसके बाद सुप्रीम काेर्ट ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दी।
प्रज्वला ने 2015 में तत्कालीन चीफ जस्टिस एचएल दत्तू काे एक चिट्ठी लिखी थी, जिसके साथ दुष्कर्म के दाे वीडियाे की पेनड्राइव भी देते हुए कहा था कि इंटरनेट पर ऐसे कंटेंट पर राेक लगाई जाए। इस पर सुप्रीम काेर्ट ने स्वत:संज्ञान लिया था।
No comments :