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फरीदाबाद,23 फरसर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांंबा ने कहा कि अगर बिजली आपूर्ति का निजीकरण हुआ तो बिजली किसान व गरीब की पहुंच से बाहर हो जाऐगी। इसलिए बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों ने बिजली उपभोक्ताओं के साथ लेकर निजीकरण के खिलाफ निर्णायक आंदोलन शुरू करना होगा। उन्होंने यह आह्वान रविवार को सेक्टर 7 स्थित जिला कार्यालय में आयोजित सर्कल के नव निर्वाचित पदाधिकारियों की मीटिंग को संबोधित करते हुए किया। सर्कल सचिव रामचरण अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में बल्लभगढ, एनआईटी व ओल्ड फरीदाबाद यूनिटों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि आल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के 22-23 मार्च को सिरसा मे होने जा रहे राज्य प्रतिनिधि सम्मेलन में बिजली निगमों मे लागू की जा रही निजीकरण, आऊटसोर्सिंग व ठेका प्रथा की जन व कर्मचारी विरोधी नीतियों और कर्मचारियों की लंबित मांगों के प्रति सरकार व निगम प्रबधंको के रवैये की समीक्षा करके बिजली उपभोक्ताओं को साथ लेकर आन्दोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी। पदाधिकारियों की मीटिंग में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 27 फरवरी को होने वाले मांग दिवस पर सर्कल कार्यालय सेक्टर 23 मे विरोध सभा आयोजित कर प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया गया। मीटिंग में एएचपीसी वर्कर यूनियन के नेता मनोज जाखड़, रमेशचंद तेवतिया, कृष्ण कुमार, सतीश छाबड़ी,नबाब खान आदि उपस्थित थे।
वरी।
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सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष एवं एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उप प्रधान सुभाष लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार बिजली वितरण प्रणाली का निजीकरण करने के लिए आमादा लगती है। वितरण प्रणाली में निजी लोगों को लाईसेंस दिए जाऐंगे। जिसके कारण सरकारी बिजली वितरण निगमों का हाल बीएसएनएल की तरह होना लाजिमी है। प्राईवेट लाईसेंस धारक सब्सिडी देकर किसानों व कम खपत वाले गरीब उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति नही करेंगे। सब्सिडी व क्रास सब्सिडी समाप्त होने पर बिजली किसानों व गरीबो की पहुंच से बाहर हो जाऐगी और बिजली जैसे अति महत्वपूर्ण क्षेत्र पर प्राईवेट लोगों का कब्जा हो जाऐगा। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुत ही मामूली राशि में प्राईवेट लाईसेंस धारक जनता के खून पसीने और हजारों बिजली कर्मचारियों की शाहदत से खड़े किए गए ढांचे का इस्तेमाल करके भारी मुनाफा कमाऐंगे।
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