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फरीदाबाद।
जेबीटी शिक्षकों के वेतन मान में भेदभाव का आरोप लगाते हुए दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूली शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
इस मामले में जितेंद्र आर्य व अन्य 78 अध्यापकों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार जेबीटी टीचरों के वेतनमान में भेदभाव कर रही है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील जगबीर मलिक ने कोर्ट को बताया कि सभी याचिकाकर्ता मौलिक शिक्षा विभाग में जेबीटी टीचर के पद पर कार्यरत हैं।
इन सभी को 1 जनवरी 2006 को राज्य के अलग अलग जिलों में नियुक्त किया गया था। मलिक ने कोर्ट को बताया कि जब याची की नियुक्ति की गई थी गई उस समय जेबीटी का वेतनमान 4500-7000 रुपये था, बाद में सरकार ने इसे संशोधित कर 6500-7000 व 9300-37800 रुपये कर दिया।
इस मामले में हैरानी की बात यह है कि इसी भर्ती में नियुक्त कुछ जिलों के जेबीटी टीचर को संशोधित वेतन उनके एरियर के साथ जारी कर दिया गया। लेकिन कुछ जिलों में जेबीटी टीचर को संशोधित वेतन मान जारी नहीं किया जा रहा।
याची के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि यह कैसे संभव है कि एक ही पद व एक समय पर नियुक्त होने वाले टीचरों को अलग अलग वेतनमान दिया जा रहा है। इस बाबत याची ने विभाग को एक मंागपत्र देकर उनको संशोधित वेतनमान देने की मांग की थी लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
इसलिए इस मामले में प्रभावित सभी शिक्षकों ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनको संशोधित वेतनमान देने की मांग की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
जेबीटी शिक्षकों के वेतन मान में भेदभाव का आरोप लगाते हुए दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूली शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
इन सभी को 1 जनवरी 2006 को राज्य के अलग अलग जिलों में नियुक्त किया गया था। मलिक ने कोर्ट को बताया कि जब याची की नियुक्ति की गई थी गई उस समय जेबीटी का वेतनमान 4500-7000 रुपये था, बाद में सरकार ने इसे संशोधित कर 6500-7000 व 9300-37800 रुपये कर दिया।
इस मामले में हैरानी की बात यह है कि इसी भर्ती में नियुक्त कुछ जिलों के जेबीटी टीचर को संशोधित वेतन उनके एरियर के साथ जारी कर दिया गया। लेकिन कुछ जिलों में जेबीटी टीचर को संशोधित वेतन मान जारी नहीं किया जा रहा।
याची के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि यह कैसे संभव है कि एक ही पद व एक समय पर नियुक्त होने वाले टीचरों को अलग अलग वेतनमान दिया जा रहा है। इस बाबत याची ने विभाग को एक मंागपत्र देकर उनको संशोधित वेतनमान देने की मांग की थी लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
इसलिए इस मामले में प्रभावित सभी शिक्षकों ने अब हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उनको संशोधित वेतनमान देने की मांग की है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
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