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फरीदाबाद । आज़ादी के शहज़ादे संस्था ने भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की पुण्यतिथि शिरडी सांई बाबा स्कूल तिगांव में प्रधानाचार्य बीनू शर्मा की अध्यक्षता में मनाई । इस मौके पर स्कूल के बच्चों ने नृत्य और कल्पना चावला पर कवितायें सुनाई ।
संस्था के संस्थापक हरीश चन्द्र आज़ाद ने बताया कि भारत की बेटी कल्पना चावला फूलों से बहुत प्यार करती थी इसलिये वह कभी फूलों के हार व गुलदस्ते नहीं लेती थी उनका कहना था कि फूल केवल भगवान के चरणों में या पौधों मे ही लगे हुए अच्छे लगते हैं यह बात कल्पना चावला के पिता श्री बनारसी लाल चावला ने उन्हे करनाल में एक मुलाकात के दौरान कही थी । कल्पना चावला की मृत्यु 1 फरवरी को उनके अंतरिक्ष शटल पृथ्वी पर उतरने से 63 किलोमीटर पहले दुर्षटना ग्रस्त होने से हुई थी ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा शर्मा ने बताया कि कल्पना चावला ने मृत्यु से एक दिन पहले अतंरिक्ष से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री आई जे गुजराल से बात करते हुए कहा था कि मैं अतंरिक्ष की बेटी हूँ और अंतरिक्ष के लिये ही पैदा हुई हूँ और इसी के लिये मरूंगी कौन जानता था एक दिन बाद ही उनकी यह बात सत्य हो जायेगी ।
अंत में प्रधानाचार्य बीनू शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया ।
इन बच्चों ने नृत्य और कवितायें सुनाई अशद , एकता, कनक, संध्या, चन्दन , मानसी, अशिता , रोज़ी दिव्या, आरजू, हीना, निधि, साक्षी , चाहत आदि ।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य बीनू शर्मा ,के ए पिल्लै , विकास मल्लहोत्रा, बबीता ,शयाना , सरीता, सीमा शर्मा व हरीश चन्द्र आजाद ने अपने विचार रखे ।
संस्था के संस्थापक हरीश चन्द्र आज़ाद ने बताया कि भारत की बेटी कल्पना चावला फूलों से बहुत प्यार करती थी इसलिये वह कभी फूलों के हार व गुलदस्ते नहीं लेती थी उनका कहना था कि फूल केवल भगवान के चरणों में या पौधों मे ही लगे हुए अच्छे लगते हैं यह बात कल्पना चावला के पिता श्री बनारसी लाल चावला ने उन्हे करनाल में एक मुलाकात के दौरान कही थी । कल्पना चावला की मृत्यु 1 फरवरी को उनके अंतरिक्ष शटल पृथ्वी पर उतरने से 63 किलोमीटर पहले दुर्षटना ग्रस्त होने से हुई थी ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा शर्मा ने बताया कि कल्पना चावला ने मृत्यु से एक दिन पहले अतंरिक्ष से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री आई जे गुजराल से बात करते हुए कहा था कि मैं अतंरिक्ष की बेटी हूँ और अंतरिक्ष के लिये ही पैदा हुई हूँ और इसी के लिये मरूंगी कौन जानता था एक दिन बाद ही उनकी यह बात सत्य हो जायेगी ।
अंत में प्रधानाचार्य बीनू शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया ।
इन बच्चों ने नृत्य और कवितायें सुनाई अशद , एकता, कनक, संध्या, चन्दन , मानसी, अशिता , रोज़ी दिव्या, आरजू, हीना, निधि, साक्षी , चाहत आदि ।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य बीनू शर्मा ,के ए पिल्लै , विकास मल्लहोत्रा, बबीता ,शयाना , सरीता, सीमा शर्मा व हरीश चन्द्र आजाद ने अपने विचार रखे ।
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