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चंडीगढ़. क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) को लेकर सीएम मनोहर लाल व गृहमंत्री अनिल विज के बीच असमंजस के बाद अब इसे गृह विभाग से अलग करने की तैयारी है। वैसे तो सीआईडी पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के समय में ही गृह विभाग से अलग रही है, लेकिन कानून में बदलाव नहीं किया गया था। प्रदेश में गृह मंत्रालय आमतौर पर सीएम के पास ही रहा है।
जब भी गृह मंत्री बनाए गए तो सीआईडी की रिपोर्ट सीएम के पास ही रही। सूत्रों के अनुसार, अब सीएमओ से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी को कानून में बदलाव के लिए ड्राफ्ट तैयार कराने का जिम्मा सौंप गया है। ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इस पर कैबिनेट की मुहर लगेगी। बाद में इसे विधानसभा में संशोधित विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।
विज इस मामले को लेकर पहले ही कह चुके हैं कि कानून में बदलाव कर ही सीआईडी को गृह मंत्रालय से अलग किया जा सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विधानसभा सत्र के दौरान इस बिल के पास होने पर क्राइम क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट मुख्यमंत्री के पास ही रह सकता है।
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