HEADLINES


More

पुरानी पेंशन की बहाली और ठेका कर्मचारियों को पक्का करवाने की मांग को लेकर अब राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन

Posted by : pramod goyal on : Thursday 30 January 2020 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//
फरीदाबाद। पुरानी पेंशन की बहाली और ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को पक्का करवाने की मांग को लेकर अब राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जाऐगा। इसके लिए सभी राज्य सरकारों के 60 लाख कर्मचारियों ने लामबंद हो कर 27 फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर मांग दिवस आयोजित करने का ऐलान किया है। मांग दिवस पर सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों,नगर निगमों, पालिकाओं व परिषदों के कर्मचारी अपने अपने कार्यालयों पर विरोध सभाएं आयोजित कर प्रदर्शन करेंगे। यह ऐलान आल इंडिया स्टेट गौवर्नमेंट इम्पलाइज फैडरेशन के रा
ष्ट्रीय अध्यक्ष व सकसं हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बुधवार को जिला कार्यालय में आयोजित जिला कार्यकारिणी की मीटिंग में बोलते हुए किया। जिला प्रधान अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में जिला व ब्लॉक कमेटियों के पदाधिकारियों और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित विभागीय संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। मीटिंग मे सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ के महासचिव व जिला कोषाध्यक्ष युदबीर सिंह खत्री आदि कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

आल इंडिया स्टेट गौवर्नमेंट इम्पलाइज फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांंबा ने कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि 27 फरवरी के मांग दिवस के बाद 15 अप्रैल से 15 जून तक एनपीएस प्रभावित और अनुबंध पर लगे कर्मचारियों को विभागवार संगठित कर राष्ट्रीय आंदोलन के महत्व को समझते हुए इसको मजबूत करने का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद 15 जुलाई से 15 अक्टूबर तक सभी राज्यों में हजारों वाहन जत्थे चलाए जाऐंगे, जिनका समापन राज्यों की राजधानियों मे आयोजित होने वाली विशाल रैलियों मे किया जाऐगा। उन्होंने दो टूक कहा कि इसके बावजूद केंद्र एवं राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर पार्ट टाइम व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने,पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा देने, सावृजनिक क्षेत्र के उपक्रमों व जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने व दस साल की बजाय 5 साल बाद पे- रिवीजन करने जैसी मांगों का समाधान नहीं किया तो संसद के समक्ष महापडाव डाल दिया जाऐगा।

No comments :

Leave a Reply