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चंडीगढ़
। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मामले में अब और नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रहे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने नया घोटाला पकड़ा है, जिसमें इसकी राशि करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। जांच रिपोर्ट के अनुसार एक रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर और एक निलंबित डिप्टी डायरेक्टर समेत सात लोगों ने पूरा खेल किया है। ब्यूरो की ओर से इनके खिलाफ कार्यवाही को लेकर की गई सिफारिश को सरकार ने मंजूरी दे दी है। ब्यूरो की ओर से अब इन सातों अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। यह नया घोटाला हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और चरखी दादरी जिलों की हुई जांच में सामने आया है।
विजिलेंस ब्यूरों की ओर से इससे पहले रोहतक, सोनीपत और झज्जर में मिली गड़बड़ी की रोहतक जबकि यमुनानगर में मिली गड़बड़ी की पंचकूला विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जिस पर आगे की जांच जारी है। इन जिलों में 26 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आ चुका है। जबकि बाकी जिलों की जांच भी अभी चल रही है।
बता दें कि करीब छह महीने पहले एसी-बीसी वेलफेयर डिपार्टमेंट में तत्कालीन निदेशक संजीव वर्मा ने इसका खुलासा किया था और चंडीगढ़ में एफआईआर भी दर्ज हुई थी। लेकिन बाद में वर्मा को अार्काइव में बतौर निदेशक लगा दिया और सरकार ने मामला विजिलेंस को सौंपा।
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