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पानीपत. पानीपत में स्ट्रीट लाइटों के नाम पर 3 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है। यह रहस्योद्घाटन पांच महीने से जांच कर रही कमेटी की जांच रिपोर्ट में हुआ है। घपले में नगर निगम के अफसर और ठेकेदार शामिल हैं। पता चला है कि कबाड़ी से 4 हजार रुपए में पुरानी पाइप खरीदी और फिर पेंट वगैरह कराकर 2 हजार रुपए की लाइट लगाई गई, लेकिन बिल बना तो लाइटों पर प्रसिद्ध कंपनियों के स्टीकर लगाकर तीन लाख रुपए का। इतना ही नहीं अधिकारियों ने ठेकेदारों को मेंटेनेंस की पेमेंट भी कर दी।
कमेटी ने जेई भूपेंद्र सिंह को मास्टरमाइंड बताया है। साथ ही घोटाले में एक्सईएन राहुल पूनिया की शह भी बताई गई है। विजिलेंस से निर्धारित समय में जांच कराने और जेई, एमई, एक्सईएन और कमिश्नर पर मुकदमा दर्ज कराने की सिफारिश की है। जेई भूपेंद्र सिंह को सस्पेंड करने की सिफारिश भी की है। उधर, सोमवार शाम को ही एसई, एक्सईएन और जेई का तबादला कर दिया गया।
स्ट्रीट लाइट जांच कमेटी ने सोमवार को नगर निगम कार्यालय में समीक्षा बैठक बुलाई। पूर्व केंद्रीय मंत्री आईडी स्वामी के संस्कार के कारण 11 बजे होने वाली बैठक ढाई बजे शुरू हुई। अध्यक्षता मेयर अवनीत कौर ने की। ऑब्जर्वर शहरी विधायक प्रमोद विज रहे। जांच कमेटी के अध्यक्ष भाजपा पार्षद दुष्यंत भट्ट ने रिपोर्ट पेश की। जांच कमेटी के चार में से दो सदस्य पार्षद विजय जैन और संजीव दहिया बैठक में शामिल नहीं हुए। वो ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा और निगम अधिकारियों की रेस्ट हाउस में बैठक में चले गए। कमेटी की तीसरी सदस्य पार्षद सुमन छाबड़ा ने सहमति जताई। भट्ट ने कहा कि कबाड़ी से 4 हजार की पाइप खरीदकर 2 हजार की स्ट्रीट लाइट लगाई, जिसके 3 लाख रुपए तक के बिल बनाए गए। मेयर अवनीत कौर ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट निगम हाउस में रखी जाएगी।
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