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फरीदाबाद, 19 सितम्बर - जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने हरियाणा राज्य में संचालित तकनीकी शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) से मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया में परामर्श एवं सहायक सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय इन शिक्षण संस्थानों को एनबीए मान्यता के लिए ज
रूरी मानदंड पूरे करने में मदद करेगा। एनबीए मान्यता मिलने से इन संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
यह निर्णय कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की 8वीं बैठक में लिया गया। बैठक में प्रकोष्ठ के सभी सदस्यों के साथ-साथ हिंद हाइड्रोलिक्स प्राइवेट लिमिटेड, फरीदाबाद के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुखदेव सिंह तथा अनुबद्ध प्रोफेसर डाॅ. सुरेश कुमार बेदी भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् ने अगले चार वर्षों में एनबीए मान्यता प्राप्त करने में विफल रहने वाले तकनीकी कॉलेजों को बंद करने का फैसला किया था। इस प्रकार, एनबीए मान्यता प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले तकनीकी शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय द्वारा परामर्श सेवाएं प्रदान करने से काफी मदद मिलेगी। वे एनबीए मान्यता के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों में सुधार करने में सक्षम बनेंगे।
बैठक में आईक्यूएसी निदेशक डॉ. हरिओम ने वर्ष 2018-19 के लिए अकादमिक और प्रशासनिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट और वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे नैक के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है।
नैक समन्वयक डॉ. संदीप ग्रोवर ने बैठक में बताया कि विश्वविद्यालय ने नैक चक्र-2 के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है, जोकि नवंबर 2021 में प्रस्तावित है। उन्होंने विभिन्न नीतिगत दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी दी जो विश्वविद्यालय द्वारा अपनी नैक की तैयारी के दृष्टिगत तैयार किए गए हैं। बैठक में सभी नीति दस्तावेजों की समीक्षा की गई और निर्णय लिया गया कि नीतिगत दस्तावेजों को आगे की मंजूरी के लिए कार्यकारी बैठक में रखा जाये।
रूरी मानदंड पूरे करने में मदद करेगा। एनबीए मान्यता मिलने से इन संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
यह निर्णय कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) की 8वीं बैठक में लिया गया। बैठक में प्रकोष्ठ के सभी सदस्यों के साथ-साथ हिंद हाइड्रोलिक्स प्राइवेट लिमिटेड, फरीदाबाद के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुखदेव सिंह तथा अनुबद्ध प्रोफेसर डाॅ. सुरेश कुमार बेदी भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् ने अगले चार वर्षों में एनबीए मान्यता प्राप्त करने में विफल रहने वाले तकनीकी कॉलेजों को बंद करने का फैसला किया था। इस प्रकार, एनबीए मान्यता प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले तकनीकी शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय द्वारा परामर्श सेवाएं प्रदान करने से काफी मदद मिलेगी। वे एनबीए मान्यता के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों में सुधार करने में सक्षम बनेंगे।
बैठक में आईक्यूएसी निदेशक डॉ. हरिओम ने वर्ष 2018-19 के लिए अकादमिक और प्रशासनिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट और वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे नैक के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है।
नैक समन्वयक डॉ. संदीप ग्रोवर ने बैठक में बताया कि विश्वविद्यालय ने नैक चक्र-2 के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है, जोकि नवंबर 2021 में प्रस्तावित है। उन्होंने विभिन्न नीतिगत दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी दी जो विश्वविद्यालय द्वारा अपनी नैक की तैयारी के दृष्टिगत तैयार किए गए हैं। बैठक में सभी नीति दस्तावेजों की समीक्षा की गई और निर्णय लिया गया कि नीतिगत दस्तावेजों को आगे की मंजूरी के लिए कार्यकारी बैठक में रखा जाये।
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