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असम
के एक स्कूल परिसर में पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कंधे तक बाढ़
का पानी भरा होने के बावजूद तिरंगे को सलामी देने वाले नौ साल के जिस
बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, उसका नाम राष्ट्रीय नागरिक
पंजी (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में नहीं है.
धुबरी जिले के प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक ताजेन सिकदर ने बताया कि छात्र हैदर अली खान का नाम 30 जुलाई को प्रकाशित मसौदा एनआसी में नहीं है. हालांकि, उसके परिवार के सदस्यों के नाम इसमें शामिल है. गौरतलब है कि सिकदर भी पिछले साल बाढ़ के पानी में हैदर और दो अन्य के साथ वहां तिरंगे को सलामी देने के लिये खड़े थे. सिकदर ने बताया कि हैदर के परदादा शुकूर अली का नाम 1951 की एनआरसी में था. उनके और हैदर के बीच एक रिश्ता होने और उपयुक्त दस्तावेजों सहित उसका जन्मप्रमाण पत्र, परिवार की जमीन का रिकॉर्ड और उसके स्कूल का प्रमाण पत्र 2015 में एनआरसी में उसका नाम जोड़ने के लिए लिये दिये गए थे.
धुबरी जिले के प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक ताजेन सिकदर ने बताया कि छात्र हैदर अली खान का नाम 30 जुलाई को प्रकाशित मसौदा एनआसी में नहीं है. हालांकि, उसके परिवार के सदस्यों के नाम इसमें शामिल है. गौरतलब है कि सिकदर भी पिछले साल बाढ़ के पानी में हैदर और दो अन्य के साथ वहां तिरंगे को सलामी देने के लिये खड़े थे. सिकदर ने बताया कि हैदर के परदादा शुकूर अली का नाम 1951 की एनआरसी में था. उनके और हैदर के बीच एक रिश्ता होने और उपयुक्त दस्तावेजों सहित उसका जन्मप्रमाण पत्र, परिवार की जमीन का रिकॉर्ड और उसके स्कूल का प्रमाण पत्र 2015 में एनआरसी में उसका नाम जोड़ने के लिए लिये दिये गए थे.
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