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ग्लोबल मार्केट में कच्चे
तेल की कीमत
बुधवार को एक
डॉलर से अधिक
बढ़कर साल 2015 के
उच्चतम स्तर पर
पहुंच गई. पिछले
एक महीने में
कच्चे तेल की
कीमतों में उछाल
का सिलसिला अमेरिका
में गिरते भंडार
और खाड़ी देशों
में गहराते संकट
से शुरू हुआ
था.
मंगलवार को अमेरिकी
शेयर बाजार में
गिरते क्रूड भंडार
के चलते बड़ी
गिरावट दर्ज हुई
थी. इसके बाद
आज ब्रेंट क्रूड
की कीमतों में
1.36 डॉलर का इजाफा
हुआ और वह
68.88 डॉलर प्रति बैरल पर
पहुंच गई. कच्चे
तेल की कीमत
इस साल के
उच्चतम स्तर पर
है. इसका सीधा
असर आने वाले
दिनों में घरेलू
बाजार में पेट्रोल
और डीजल की
कीमतों पर दिखाई
दे सकता है
और एक बार
फिर देश में
पेट्रोल और डीजल
का दाम बढ़ाया
जा सकता है.
गौरतलब है कि
इससे पहले 30 अप्रैल
को अंतरराष्ट्रीय बाजार
में कच्चे तेल
की कीमत 66 डॉलर
के पार पहुंच
गई थी और
देश में तेल
कंपनियों ने पेट्रोल
और डीजल के
दाम में क्रमश
3.96 रुपए और 2.37 रुपए इजाफा
किया था. जनवरी
से अब तक
कच्चे तेल की
कीमतों में करीब
42 फीसदी का उछाल
आ चुका है.
71 डॉलर तक पहुंच
सकती है क्रूड
की कीमत
एसएमसी ग्लोबल के रिसर्च
हेड डॉ. रवि
सिंह ने
बताया कि क्रूड
की कीमतों में
आई तेजी की
मुख्य वजह अमेरिका
में कच्चे तेल
का भंडार में
कमी, कमजोर होता
डॉलर, लीबिया में
उत्पादन घटने और
कच्चे तेल को
लेकर जेपी मॉर्गन
के अनुमान में
बढ़ोत्तरी है. एसएमसी
ग्लोबल के मुताबिक
इन तीनों कारणों
के चलते ब्रेंट
क्रूड की कीमतें
71 डॉलर प्रति बैरल तक
पहुंच सकती है.
ऐसे में तेल
कंपनियां पेट्रोल की कीमतों
में 1-1.5 रुपए की
बढ़ोत्तरी कर सकती
हैं.
क्यों सुलग रहा
है तेल:
कमजोर होता डॉलर
विशेषज्ञों
का मानना है
कि क्रूड की
कीमतों में आई
तेजी की प्रमुख
वजह अमेरिका में
कच्चे तेल का
भंडार में कमी
होना और पिछले
कुछ दिनों में
डॉलर के लगातार
कमजोर होने से
क्रूड की कीमतों
में उछाल देखने
को मिल रहा
है.
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