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फरीदाबाद 11 जून आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा संबंधी सीटू जिला कमेटी फरीदाबाद ने प्रांतीय कमेटी के आह्वान पर आज शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री के 7 सूत्री और राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री हरियाणा के नाम 12 सूत्री मांगों का अलग-अलग ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में तैनात अधीक्षक श्री आनंद कुमार को सौंपा। ज्ञापन सौंपते समय राज्य की प्रधान दविंद्री शर्मा जिला सचिव मालवती के अलावा सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, मीनू, मीना भा
टी, सविता और रेखा जैन भी उपस्थित रही। मांग पत्र सौंपने से पहले इस पर चर्चा करते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष विरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि कोविड-19 की महामारी के दूसरे चरण के दौरान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की स्थिति काफी चिंताजनक है। इनके साथ राज्य की सरकार भेदभाव कर रही है।इस भेदभाव को सहन नहीं किया जा सकता है। इन्हें कोविड-19 की महामारी के दूसरे चरण से निपटने के लिए सामुदायिक जागरूकता, सर्वेक्षण, और प्राथमिक स्वास्थ्य की देखभाल करने की अतिरिक्त जिम्मेवारी सौंपी गई है।इनको कोविड-19 की पहचान और उपचार में वार्ड स्तर की समितियों का हिस्सा बनाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इनसे टीकाकरण के कार्य के अलावा कोविड की टेस्टिंग के लिए भी रोगियों को प्राथमिक चिकित्सा का मार्गदर्शन देने उनके तापमान और ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करने की जिम्मेवारी भी दी गई है। इन सभी कार्यों को करने के लिए इनको छुट्टी भी नहीं दी जाती है। और दिन में 16 घंटे तक काम करना पड़ता है। यह काफी चिंताजनक है कि इस काम में लगी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। यूनियन की मांग है कि सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्पर को पर्याप्त पीपीई किट, मास्क, दस्ताने, साबुन, और सैनिटाइजर इत्यादि वस्तुएं उपलब्ध करवाए जाएं। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोविड़ की रेंडम जांच होनी चाहिए और फ्रंट लाइन वर्कर्स का मुफ्त में इलाज होना चाहिए। इसके अलावा कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के परिवारों को तत्काल पचास लाख रुपए का बीमा कवरेज में शामिल किया जाए। संक्रमण होने पर 10लाख रुपए का मुआवजा और 10हजार रुपए प्रतिमाह जोखिम भत्ता और अतिरिक्त काम के लिए अतिरिक्त वेतन देना सुनिश्चित होना चाहिए। यूनियन की तीसरी मांग है कि सभी लाभार्थियों को अगले 6 माह तक पूरक पोषाहार पर्याप्त मात्रा में दिया जाए। न्यूट्री गार्डन की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नहीं दी जानी चाहिए। यूनियन की चौथी मांग है कि आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्पर्स की सभी लंबित वेतन राशियों और सभी भत्ते तुरंत जारी किए जाए। इनके वेतन का नियमित भुगतान सुनिश्चित होना चाहिए। अन्य मांग में आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्पर्स के वेतन तथा लाभार्थियों के पोषण के आवंटन को पोषण ट्रैकर एप से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आईसीडीएस के डिजिटलीकरण से पहले पर्याप्त बुनियादी ढांचा विकसित करने पर जोर दिया जाए। यूनियन ने मांग उठाई है। कि आंगनवाड़ी केंद्रों का स्कूलों में विलय नहीं होना चाहिए। आईसीडीएस को नियमित किया जाए आंगनवाड़ी वर्कर को और हेल्पर्स को रेगुलर किया जाए। तथा इन्हें 45 वे इंडियन लेबर कॉन्फ्रेंस की सिफारिश के अनुसार 21हजार रुपए प्रति माह का न्यूनतम वेतन और पेंशन दी जानी चाहिए। यूनियन ने मांग की है कि मजदूर विरोधी कानून लेबर कोड, जनविरोधी तीन कृषि कानूनों एवं बिजली बिल 2020 को निरस्त किया जाए। सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। गैर आयकर करदाताओं को 7500 रुपए प्रतिमाह नगद प्रदान किए जाए। अगले 6 महीने तक प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को 10 किलो अनाज प्रति व्यक्ति उपलब्ध किया जाना चाहिए। गैर कोरोना संक्रमित मरीजों का भी सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज सुनिश्चित किया। सभी स्वास्थ्य और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं स्वास्थ्य कर्मचारियों आशा वर्करों, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों, चौकीदारों, आंगनबाड़ी वर्करों, हेल्पर्स, मिड डे मील वर्करों, सहित जो लोग महामारी के रोकथाम में लगे हैं उन सभी को बचाव के उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं। इस कार्यक्रम में देवेंद्र री शर्मा, मालवती, मीना भाटी, मीनू, रेखा जैन, सविता आदि शामिल रहे।
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