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गणतंत्र की गरीमा पर प्रहार को लेकर आज अधिवक्ताओं ने केन्द्र सरकार के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौप कर उपद्रवी तत्वों ने जिस तरीके से अंदोलन की आड़ में अपराध किया है वह किसी भी तरीके से स्वीकार्य नहीं है उपद्रवी दोषियों के खिलाफ देश द्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और इन सभी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। जो उपद्रवियों ने लाल किलो पर तिरंगा झण्डा उतार कर अनेपिक्षित झण्डा लगाया है किसी भी भारतवासी को मंजूर नहीं है। सभी अधिवक्ताओं ने झण्डा फहराने को दुभाग्यपूर्ण करार दिया है कोई भी इस अराजकता को बर्दास्त नहीं कर सकता गणतंत्र दिवस पर बार काऊंसिल पंजाब एण्ड हरियाणा के पूर्व मनोनित सदस्य शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर कोई भी दूसरा ध्वज नही बल्कि सिर्फ पवित्र तिरंगा लाल किले पर फहराना चाहिए। वशिष्ठ ने कहा कि जो लोग किसान आन्दोलन में शामिल थे वह बहारी व उपद्रवी तत्व थें ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए अधिवक्ताओं ने एक स्वर में भारत माता जिन्दाबाद का नारे लगायें
इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता कुंवर दलपत सिंह, प्रदीप परमार, मनोज पंडित, सतबीर शर्मा, मनजेश भड़ाना, अजय पाराशर, प्रमोद भारद्वाज, संजय गौर, बी0डी0 शर्मा, जगदीश अधाना, रघवेश सिंघल, विजय यादव, सतपाल नागर, लक्ष्मण तंवर, विकास चन्दीला, हेमराज कपासिया, प्रेम भारद्वाज, ललित बैंसला, ओमदत्त कौशिक, कुलदीप जौशी, अमीर खान, मनोज कुमार, प्रेम चन्द सैनी, प्रवेश कुमार आदि सैकडो अधिवक्ता मौजूद थे। चार फोटो साथ संलग्र है।
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