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किसानों का हित किसानों से बेहतर कोई नहीं जान सकता : गौरव चौधरी

Posted by : pramod goyal on : Monday 7 December 2020 0 comments
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 फरीदाबाद, 7 दिसंबर। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली जा रहे एमपी, यूपी, राजस्थान व बुंदेलखंड के किसान जब पलवल-फरीदाबाद बॉर्डर पर पहुंचे तो युवा नेता गौरव चौधरी भी उनके समर्थन में अपने सैंकड़ों साथियों के साथ सडक़ों पर उतर आए। रविवार को जब किसानों का दूसरा जत्था पलवल पहुंचा तो जय किसान, जय जवान, जय शहीद भगत सिंह के नारे लगाते हुए हाईवे की दूसरी साइड से किसान आगे बढऩे लगे। जिसके चलते पुलिस ने हाईवे पर दूसरी तरफ भी बैरिगेट व कंटेनर व मिट्टी से भरे डंपर लगाकर जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस व किसानों के बीच काफी झड़पें भी हुई, लेकिन पूर्व में धरने पर बैठे किसानों ने सभी को समझाकर वहीं रोक लिया और धरने पर बैठ गए। मौके पर मौजूद एसपी दीपक गहलावत स्वंय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर अड़े रहे और कहा कि किसी भी कीमत पर किसानों के ट्रैक्टरों को यहां से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। जिसके बाद धरने पर बैठे किसानों ने अपने ट्रैक्टरों को हाईवे की दोनों साइड़ अड़ाकर हाईवे पर ही धरना शुरू कर दिया। जिसमें युवा नेता गौरव चौधरी अपने साथियों के साथ अड़े रहे। किसानों की बढ़ती तादाद एवं बिगडते हालातों के चलते हरियाणा के साऊथ रेंज के आईजी आईजी विकास अरोड़ा भी मौके पर पहुंचे, फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ओ पी सिंह ने हालातों का जायजा लिया। उन्होंने भी किसानों से वापिस लौटने की अपील की लेकिन किसान दिल्ली जाने की बात पर अडे रहे। पुलिस ने किसानों के जत्थे को दिल्ली जाने से रोकने के लिए हाईवे पर ही बड़े-बड़े पत्थर लगाए और इसी के साथ बैरिकेटिंग कर वाटर केनन गाड़ी को भी मौके पर खड़ा किया हुआ था। वहीं, युवा किसान नेता गौरव चौधरी खुलकर किसानों का समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे और अपने सैकडों सर्मथकों के साथ केएमपी चौक पर धरना देने लगे। उन्होंने कहा कि देश में किसान आंदोलन के चलते बिगड़े हालातों के लिए केन्द्र सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। किसानों का भला, उनसे बेहतर कौन जान सकता है। इसलिए सरकार को कोई भी कानून बनाने से पूर्व उनकी सहमति लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान लठतंत्र से नहीं हो सकता। सरकार को बातचीत कर किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, भारी पुलिस बल लगाकर किसानों के आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता। श्री चौधरी ने कहा कि मंगलवार को किसानों के भारत बंद का वह पूरी तरह समर्थन करते हैं और जब तक सरकार कृषि अधिनियम वापिस नहीं ले लेती, वो अपना आंदोलन और विरोध जारी रखेंगे। 



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