HEADLINES


More

स्वामी ब्रह्मानन्द जी की 126वें जन्मोत्सव बहुत सीमित समाजसेवियों के साथ मनाया

Posted by : pramod goyal on : Friday 4 December 2020 0 comments
pramod goyal
Saved under : , ,
//# Adsense Code Here #//

  फरीदाबाद, 4 दिसम्बर। लोधी राजपूत जन कल्याण समिति (रजि.) फरीदाबाद ने अमर शहीद वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी चौक, एनआईटी फरीदाबाद पर परम श्रद्धेय, त्यागमूर्ति सन्त प्रवर स्वामी ब्रह्मानन्द जी की 126वें जन्मोत्सव का का


र्यक्रम बहुत सीमित समाजसेवियों के साथ मनाया। लाखन सिंह लोधी एवं भुवनेश्वर हिन्दुस्तानी ने दीप-प्रज्जवलित कर उपस्थितजनों के साथ पुष्पांजलि अर्पित की। समिति द्वारा मिष्ठान वितरित किया गया। समिति के संस्थापक लाखन सिंह लोधी ने स्वामी जी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी जी का जन्म 4 दिसम्बर 1894 को हमीरपुर जनपद की राठ तहसील के ग्राम बरहरा में सुसम्पन्न लोधी क्षत्रिय परिवार में हुआ था। इनके बाल्यकाल में एक ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की यह बालक राजा बनेगा या कोई बड़ा सन्यासी। इन्होंने 24 वर्ष की आयु में हरिद्वार में हर की पौड़ी पर सन्यास ग्रहण करते समय गंगा में खड़े होकर प्रतिज्ञा ली कि मैं जीवनपर्यन्त (दृव्य) को हाथ से स्पर्श नहीं करूंगा और कभी भी स्त्रीगमन नहीं करूंगा। पूर्णत: जीवनपर्यन्त पालन किया । स्वामी ब्रह्मानन्द जी जब गांधी जी के सम्पर्क में आए तो गांधी जी ने उनके कार्यों को देखकर कहा था कि मुझे तो कन्दराओं में रहने वाले सन्यासियों की अपेक्षा आप जैसे राष्ट्र.समर्पित कर्मयोगी सन्यासियों की आवश्यकता है। स्वामी जी देश की स्वतंत्रता के लिए (नमक कानून) तोडऩे के लिए जेल गए। ऐसे ही आन्दोलनों के लिए स्वामी जी को कई बार जेल जाना पड़ा । स्वामी जी संसद के अन्दर गौ-रक्षा कानून बनाने के लिए सर्वप्रथम आवाज उठाने वाले पहले सांसद थे। उन्होंने निडरता से कमजोर और गरीबों की आवाज को बुलन्द किया इसलिए गरीबों के मसीहा कहलाये। स्वामी जी ने बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्र में शिक्षा के लिए अतुलनीय कार्य किया स्वामी जी के प्रयास से ही उस क्षेत्र में स्वामी ब्रह्मानन्द संस्कृत महा विद्यालय, स्वामी ब्रह्मानन्द कृषि महाविद्यालय जैसे कई संस्थानों में विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते हैं । स्वामी जी मानवतावादी विचारक, लोधान्ती भाषा के महान कवि, प्रखर एवं निर्भीक वक्ता, त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति, सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के मूर्त अवतार, निष्काम कर्मयोगी, बुन्देलखण्ड के चाणक्य एवं बुन्देलखण्ड के मालवीय की उपाधि से महिमामंडित स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, आदर्शवादी संत सांसद, भारतरत्न के सच्चे हकदार, संत प्रवर स्वामी ब्रह्मानन्द जी के पद चिन्हों पर चलकर एक अच्छे समाज और राष्ट्र की परिकल्पना कर हम सभी मिलकर स्वामी जी की 126वें जन्मोत्सव पर पुष्पांजलि अर्पित करें। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष रूपसिंह लोधी, संस्थापक लाखनसिंह लोधी, महीपाल सिंह लोधी, होती लाल लोधी, सचिन तंवर, भुवनेश्वर हिन्दुस्तानी, महेश लोहिया, नन्दकिशोर लोधी, मनीष शर्मा, सुरेश सिंह, भाईलाल लोधी, हरीश पाहवा आदि उपस्थित रहे।


No comments :

Leave a Reply