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फरीदाबाद।
यूनियनजैक के स्थान पर तिरंगा फहरा देना ही आजादी नही है भारत के एक स्वाभिमानी संत अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी ने भी कड़े शब्दों में इन गुलामी की निशानियों का विरोध करते हुए कहा था कि “ कोई भी आज़ाद देश गुलामी की निशानियों को सँजो कर नहीं रखता ” । आजादी का मतलब गुलामी समस्त के प्रतिको को हटाकर स्वराज्य को स्थापित करना! हम आप का ध्यान फरीदाबाद मे लगे राष्ट्र कलंक की ओर ले जाना चाहते है जो रह रह कर हमें गुलामी की टीस देते है!
एन.आई.टी. फरीदाबाद वार्ड संख्या 4 में ईस्ट इण्डिया कालोनी है आपको यह ज्ञात होगा भारत की गुलामी का कारण ईस्ट इण्डिया कम्पनी थी यह नाम आज भी उपनिवेशिक गुलामी को प्रदर्शित करता है!
कितनी बड़ी विडम्बना और अफसोसजनक है की 732000 क्रांतिकारियों की शहादत के बाद मिली आजादी के बाद भी हमारे शहर फरीदाबाद में अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक ईस्ट इंडिया कॉलोनी जीवित है और आजादी के 72 वर्ष तक हमारे राजनेता इसका नाम भी नहीं बदलवा सके। यह हमारे पूरे देश के लिए शर्म की बात तो है ही, वही इस शहर के लिए और भी अधिक शर्मिंदा का विषय है।
आजादी के बाद देश भर में ऐसे अनेको उदाहरण है जिसमे अंग्रेजो की गुलामी के प्रतीक जैसे भवनों, सडको व शहरो के नाम को बदला जा चूका है!
राजीव दीक्षित स्वदेशी स्वदेशी रक्षक संघ द्वारा फरीदाबाद नगर निगम के समस्त पार्षद को इस कालोनी के नाम परिवर्तन हेतू ज्ञापन दिया गया था इसके अतिरिक्त मेयर , सांसद व फरीदाबाद के समस्त विधायको को से मांग की गई थी आगामी 15 अगस्त 2020 से पूर्व आधिकारिक रूप से ईस्ट इण्डिया कालोनी का नाम अमर शहीद मंगल पाण्डेय जी के नाम पर परिवर्तित किया जाए !
संगठन के तरफ से यह भी सूचित किया गया था यदि आगमी स्वतंत्रता दिवस से पूर्व यह कार्य यदि जिला प्रशाशन करने में विफल रहता है तो इस राष्ट्र कार्य के जनांदोलन द्वारा किया जाएगा व आगामी 73वे स्वतंत्रता दिवस से पूर्व फरीदाबाद शहर के कलंक के रूप में ईस्ट इण्डिया कालोनी का नाम बदल कर 1857 आजादी के महानायक और भारतवर्ष के गौरव का प्रतीक शहीद मंगल पाण्डेय नगर के रूप में परिवर्तन किया जाए व फरीदाबाद की तरफ से 73वे स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 732000 अमर शहीदों को सच्ची श्रधांजलि अर्पित किया जाएगा !
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