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नेत्रपाल हुड्डा को कुश्ती के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर ‘ध्यानचंद पुरस्कार’ से नवाजा

Posted by : pramod goyal on : Sunday 30 August 2020 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर पहलवान नेत्रपाल हुड्डा को कुश्ती के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर ‘ध्यानचंद पुरस्कार’ से नवाजा। कोविड-19 के कारण ये पुरस्कार वर्चुअल तरीके से वितरित किए गए। ध्यानचंद अवार्ड मिलने पर सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के सेवादारों द्वारा पहलवान नेत्रपाल हुड्डा का उनके आवास पर पहुंचकर फूलमालाओं व गुलदस्ता भेंट कर शानदार स्वागत किया गया।
स्वागत करने वाले सेवादारों में चुन्नीलाल
चोपड़ा, दिनेश छाबड़ा, टोनी पहलवान, कुलदीप साहनी, सरदार जरमेज सिंह चौहान, साहब सिंह विर्क, नवीन पसरीचा, सरबजीत सिंह चौहान, तेजेंद्र सिंह चड्डा, सुनील कुमार, अमित भल्ला, सुरेंद्र सिंह सांगा, अनिल अरोड़ा आदि प्रमुख रहे।
उल्लेखनीय है कि पहलवान नेत्रपाल हुड्डा को ध्यानचंद पुरस्कार वर्ष 1970 में बैंकाक में आयोजित एशियन गेम्स में कुश्ती के 74 किलो भार वर्ग में फ्री स्टाइल वर्ग में कांस्य पदक, 1974 में न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में फ्री स्टाइल 82 किलो भार वर्ग में रजत पदक, वर्ष 1970 से लेकर 1982 तक लगातार राष्ट्रीय खेल पदक प्राप्त करने तथा वर्ष 1968, 1969, 70, 74, 75 व 76 में नेशनल चैंपियन बनने जैसे कारनामे करने पर दिया गया। जिले के गांव दयालपुर में जन्मे नेत्रपाल हुड्डा 18 वर्ष की आयु में ही सेना में सिपाही के रूप में भर्ती हो गए थे। वर्ष 1965 में उनकी पोस्टिंग असम में हुई। सेना में ही रहते हुए प्रसिद्ध पहलवान कैप्टन स्व. चांदरूप से कुश्ती के  गुर सीखने वाले नेत्रपाल ने इसके बाद राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ढेरों पदक हासिल किए। पंजाब के अमृतसर में वर्ष 1972 में ‘रुस्तम-ए-हिन्द’ का खिताब मिला तो वर्ष 1973 में मेहर सिंह पहलवान को चित कर ‘भारत केसरी’ का तमगा भी हासिल किया था।
इस मौके पर नेत्रपाल हुड्डा ने अवार्ड दिये जाने पर भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। नेत्रपाल की पत्नी सुरेंद्र कौर हुड्डा, पुत्र परविंदर व पुत्रवधु कविता ने कहा कि यह पुरस्कार हमारे परिवार, गांव दयालपुर, जिला और हरियाणा प्रदेश के लिए गौरव की बात है। हम सब खुश हैं।
इस मौके पर चुन्नीलाल चोपड़ा, दिनेश छाबड़ा व टोनी पहलवान, कुलदीप साहनी ने संयुक्त रूप से कहा कहा कि शहर के पहलवान को ध्यानचंद अवार्ड मिलने से जिले के युवाओं में कुश्ती के लिए रुझान बढ़ेगा और उम्मीद है भविष्य में जिले के पहलवानों को भी ऐसे ही अवार्डों ने नवाजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हुड्डा को ध्यानचंद अवार्ड मिलने से क्षेत्र के पहलवानों व तथा उनके शिष्यों में भारी खुशी का माहौल है।

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