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आशा वर्करों की 7 अगस्त से चल रही हड़ताल के समर्थन में कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर एकजुटता आक्रोश प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 25 August 2020 0 comments
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फरीदाबाद।
आशा वर्करों की 7 अगस्त से चल रही हड़ताल के समर्थन में मंगलवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय पर एकजुटता आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रर्दशन के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीसी की गैर मौजूदगी में तहसीलदार को सौंपा। जिसमें मुख्यमंत्री से मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर आशा वर्करों की मांगों का समाधान करते हुए हड़ताल को समाप्त करने की मांग की गई है। प्रर्दशन से पहले नगर निगम, बिजली, हुड्डा,जन स्वास्थ्य, सिंचाई, पशुपालन एवं डेयरी, टूरिज्म,वन आदि विभागों के कर्मचारी सेक्टर 12 स्थित ओपन एयर थियेटर में एकत्रित हुए। वहां से सैकड़ों की तादाद में कर्मचारी सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवराज,प्रेस सचिव राजबेल देसवाल,उप प्रधान अतर सिंह केशवाल, संगठन सचिव मुकेश बेनीवाल,खंड प्रधान करतार सिंह, रमेश तेवतिया व जगदीश चन्द्र के नेतृत्व में राजस्थान भवन पर एकत्रित हड़ताली आशा वर्करों ने गगनभेदी नारों के साथ कर्मचारियों का स्वागत किया। वहां से विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और आशा वर्करों ने डीसी आफिस ता आक्रोश मार्च किया। डीसी आफिस पर पहुंच कर कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करवाने के प्रति सरकार व विभाग के घोर उपेक्षापूर्ण एवं तानाशाही रवैए के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए करीब दो घंटे प्ररर्दश  किया। प्रर्दशन में सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर,उप प्रधान बीरेंद्र सिंह डंगवाल,औम प्रकाश और आशा वर्कर यूनियन की प्रधान हेमलता, सचिव सुधा,रेखा शर्मा, पूजा राठौड़, अनीता, और विभागीय संगठनों के नेता सतपाल नरवत, भूप सिंह ,सोनूूू सोया, गांधी सहरावत, जगदीश चन्द्र आदि मौजूद थे। प्रर्दशन में  पारित किए गए। प्रस्ताव में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा रविवार को पीटीआई की ली गई परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा को रद्द करने और मामले की माननीय हाईकोर्ट के सिटिंग न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा  ने कहा कि कोरोना योद्वा कही जाने वाली 20 हजार आशा वर्कर अपनी अत्यंत जायज मांगों एवं समस्याओं को लेकर 7 अगस्त से हड़ताल पर है। जिसके कारण विभाग का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लेकिन सरकार व विभाग आशा वर्करों की मांगों का बातचीत से समाधान कर हड़ताल को समाप्त करवाने की बजाय पूरी तरह चुप्पी साध रहे हैं। विभाग के अधिकारी मसलों का समाधान करने की बजाय एस्मा लगाने की धमकियां दे रहे हैं। वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि एक तरफ सरकार आशा वर्करों सहित मेडिकल व पैरा मेडिकल स्टाफ को कोरोना योद्वा बताकर हैलीकॉप्टरों से फूल बरसाने, थालियां एवं तालियां बजाने व डबल वेतन देने का ढोंग कर रही है और दूसरी तरफ पिछले 18 दिन से चल रही हड़ताल के बावजूद आशा वर्कर यूनियन (सीटू) से गंभीरता के साथ बातचीत तक नहीं की जा रही है। इससे सरकार की करनी और कथनी का साफ पता चलता है। 

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