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गुरु की महिमा अपरम्पार। सात द्वीप नौ खंड में गुरु से बड़ा न कोय

Posted by : pramod goyal on : Sunday 5 July 2020 0 comments
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फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस के बैनर तले गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि
आज 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का त्योहार है। इस पर्व पर अपने गुरु के प्रति आस्था को प्रगट किया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विधिवत रूप से गुरु पूजन किया जाता है। इसको व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन को चारों वेदों के रचयिता और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। ब्रिगेड अधिकारी व जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि यह त्योहार सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। इस दिन शिष्य अपने गुरु का आभार व्यक्त करते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई मान्यताएं इसे विशेष बनाती हैं। एक मान्यता है कि पहली बार इसी दिन आदियोगी भगवान शिव ने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान देकर स्वयं को आदि गुरु के रूप में स्थापित किया। यह भी माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था। महर्षि व्यास ने चारों वेदों एवं महाभारत की रचना की। इस कारण उनका नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से जाना जाता है। एक मान्यता यह है कि इसी दिन महर्षि वेद व्यास ने शिष्यों एवं मुनियों को सबसे पहले श्री भागवत् पुराण का ज्ञान दिया था। आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास के शिष्यों ने गुरु पूजा की परंपरा आरंभ की। यह भी माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने इस शुभ दिन पर अपना पहला उपदेश दिया था। इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा से ही वर्षा ऋतु का आरंभ होता है। इस दिन से चार महीने तक साधु-संत एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ब्रिगेड अधिकारी, जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हमारे ग्रंथों में गुरु को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त है। विद्यार्थियों के लिए यह दिन कल्याणकारी माना जाता है। विद्यालय की छात्राओं काजल, रिशु, तान्या, ताबिंदा, सिमरन और सान्या ने गुरु के प्रति भावों को सुंदर अभिव्यक्ति दी। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने सभी छात्राओं, प्राध्यापिका नविता और  शीतू का आभार व्यक्त किया।

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