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फरीदाबाद। प्राइवेट स्कूलों की लगातार हो रही मनमानी व इसको रोकने में विफल हरियाणा सरकार नाराज अभिभावक अब अपनी शिकायत सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज रहे हैं। ऐसी ही एक शिकायत ग्रैंड कोलंबस के अभिभावक व हरियाणा अभिभावक एकता मंच
ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी है। जिस पर संज्ञान लेते हुए पीएम ऑफिस ने शिकायत को उचित कार्रवाई हेतु हरियाणा सरकार को भेजा है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, चेयरमैन एफएफआरसी सब अच्छी तरह से जानते हैं कि स्कूल प्रबंधक शिक्षा विभाग द्वारा फीस के मुद्दे पर निकाले गए पांच पत्रों में दिए गए सभी निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं ।अपनी मनमर्जी चला रहे हैं अभिभावकों को डरा धमका रहे हैं। फिर भी ये सब मौन है। जिन अभिभावकों ने वोट देकर नेताओं को मंत्री बनाया विधायक बनाया वह भी अभिभावकों की मदद नहीं कर रहे हैं। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि 17 प्राइवेट स्कूलों की 38 शिकायतें मंच व अभिभावकों की ओर से चेयरमैन एफएफआरसी के पास अप्रैल महीने में ही उचित कार्रवाई के लिए भेजी गई थी लेकिन उन पर कार्यवाही काफी देरी से हुई है। जिस जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायतों को निराकरण करने के लिए भेजा गया है। उस अधिकारी द्वारा इससे पहले स्कूलों को भेजे गए नोटिसों का का जवाब किसी भी स्कूल ने नहीं दिया है। मंच का कहना है कि एफएफआरसी को खुद ही स्कूलों की शिकायत पर संज्ञान लेना चाहिए। कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी से कहना शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालना है। जब तक कार्यवाही होगी तब तक स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को डरा धमका कर मांगी गई पूरी फीस वसूल कर लेंगे। अब अभिभावकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही कुछ उम्मीद है।
ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी है। जिस पर संज्ञान लेते हुए पीएम ऑफिस ने शिकायत को उचित कार्रवाई हेतु हरियाणा सरकार को भेजा है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, चेयरमैन एफएफआरसी सब अच्छी तरह से जानते हैं कि स्कूल प्रबंधक शिक्षा विभाग द्वारा फीस के मुद्दे पर निकाले गए पांच पत्रों में दिए गए सभी निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं ।अपनी मनमर्जी चला रहे हैं अभिभावकों को डरा धमका रहे हैं। फिर भी ये सब मौन है। जिन अभिभावकों ने वोट देकर नेताओं को मंत्री बनाया विधायक बनाया वह भी अभिभावकों की मदद नहीं कर रहे हैं। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि 17 प्राइवेट स्कूलों की 38 शिकायतें मंच व अभिभावकों की ओर से चेयरमैन एफएफआरसी के पास अप्रैल महीने में ही उचित कार्रवाई के लिए भेजी गई थी लेकिन उन पर कार्यवाही काफी देरी से हुई है। जिस जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायतों को निराकरण करने के लिए भेजा गया है। उस अधिकारी द्वारा इससे पहले स्कूलों को भेजे गए नोटिसों का का जवाब किसी भी स्कूल ने नहीं दिया है। मंच का कहना है कि एफएफआरसी को खुद ही स्कूलों की शिकायत पर संज्ञान लेना चाहिए। कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी से कहना शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालना है। जब तक कार्यवाही होगी तब तक स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को डरा धमका कर मांगी गई पूरी फीस वसूल कर लेंगे। अब अभिभावकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ही कुछ उम्मीद है।
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