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फरीदाबाद। नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद की अधिग्र
हित जमीन की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कल करेगा, किसानों ने बैठक कर अपनी रणनीति बना ली है और कल अधिकतर किसान अपनी जमीन की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट उपस्थित रहेंगे। किसानों ने कहा कि नहरपार के किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआबजा हाईकोर्ट ने घटा दिया था इस आदेश के खिलाफ नहरपार के किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी जिसकी सुनवाई कल होगी। किसान संघर्ष समिति ग्रेटर फरीदाबाद के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ, एडवोकेट ने कहा कि नहरपार सैक्टर 75 से सैक्टर 89 तक मास्टर रोड के लिए अधिग्रहित की गई थी और 76, 77, 78 रिाहायशी व कार्मिशयल के लिए अधिग्रहित की गई थी, नहरपार जमीन अधिग्रहित के लिए तीन नोटिफिकेशन किये गये थे सैक्टर 75 व सैक्टर 80 का नोटिफिकेशन 2006 में किया गया था रिहायशी व कार्मिशयल के लिए नोटिफिकेशन 07/02/2008 को किया गया था और मास्टर रोड के लिए 14/08/2008 को किया गया था सुधीर चपराना, एडवोकेट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोबारा सुनवाई करते हुए जमीनों के रेट घटा दिये थे केवल बसेलवा का ही जमीन का रेट बढ़ाया था। किसानों ने अपने-अपने सभी दस्तावेज तैयार कर लिए है जिन्हे किसान अपने-अपने वकीलों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे। नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद के सैक्टर 75 व 80 में किसानों की जमीन आज भी टुकडों में पड़ी हुई है कानून के हिसाब से उस जमीन पर कोई भी सरकारी व गैर-सरकारी कार्य नहीं किया जा सकता क्योंकि जहां तहां प्राईवेट बिल्डरों की ऊँची-2 इमारते खडी हुई है। नहरपार के किसानों ने आज तक अपनी जमीन का मुआवजा उठाया है और ना ही सरकार को कब्जा दिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट किसानों की बात दस्तावेजों के आधार पर मान लेता है तो किसानों को बढ़़ा हुआ मुआवजा मिलेगा।
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