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फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद की जूनियर रेड क्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने भारत के स्वाधीनता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रार्थना सभा
में बच्चों को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के जांबाज सिपाही सुभाष चन्द्र बोस जो नेता जी के नाम से भी जाने जाते हैं, भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा, बन गया है। मनचन्दा के बताया कि उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था और इस साल देश उनकी 123वीं जयंती मनाने जा रहा है। नेताजी ने 1919 में भारत छोड़ आंदोलन में हिस्सा लिया। उस दौर में भी भारतीय सिविल सेवा में चयन होने के बावजूद उन्होंने 1921 में इस्तीफा दे दिया और कैंब्रिज से भारत लौट आए। उन्होंने देश की आजादी के लिए आजाद हिन्द फौज की अगुआई कर आंदोलन और अन्य काम किए। उनकी मृत्यु को लेकर कई विवाद हैं, हालांकि ये माना जाता है कि 18 अगस्त, 1945 को उनकी मृत्यु हो गई। उन ने आजादी के बारे ने ये विचार बड़े ही क्रांतिकारी थे कि 'यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का भुगतान अपने रक्त से करें। आपके बलिदान और परिश्रम के माध्यम से हम जो स्वतंत्रता जीतेंगे, हम अपनी शक्ति के साथ संरक्षित करने में सक्षम होंगे।' इस अवसर पर प्रवक्ता सुंदर लाल, संजय मिश्रा और प्रख्यात मोटीवेटर डॉ एम पी सिंह ने भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के विषय पर बच्चो को बताया और स्टाफ सहित उन के चित्र पर पुष्प और माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बच्चों से कहा कि हम समस्त भारतवासी अपने वीर क्रांतिकारी नेता सुभाष चन्द्र बोस के बलिदान के सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने डॉ एम पी सिंह और सारे अध्यापक वर्ग एवम् बच्चों का सुंदर आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया।
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