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फरीदाबाद, 27 दिसम्बर : नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में नहर पार स्थित शिरडी साई बाबा स्कूल में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें इस कानून के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और स्कूली बच्चों एवं उनके अभिभावकों
को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में जाने-माने एडवोकेट एवं हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी शर्मा, पदमश्री अवार्ड सम्मानित डा. ब्रह्मदत्त, गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष एस आर जाखड़ एवं पार्षद नरेश नंबरदार विशेष रूप से मौजूद रहे। जिन्होंने एनआरसी एवं सीएए बिल के बारे में अपने-अपने विचारों से आए हुए लोगों को अवगत कराया। कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा महिला कल्याण समिति की अध्यक्षा डा. आलोकदीप एवं शिरडी साई बाबा स्कूल के सौजन्य से किया गया। इस मौके पर साईधाम के संस्थापक चेयरमैन डा. मोतीलाल गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद थे। पदमश्री अवार्ड सम्मानित डा. ब्रह्मदत्त ने सीएए व एनआरसी का समर्थन किया, मगर इसमें कुछ खामियां बताई। उन्होंने कहा कि जब इस बिल में इसाईयों, पारसियों सहित सभी को शामिल किया गया है, तो मुसलमानों को भी शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है, इसलिए जब धार्मिक आधार पर कोई कानून पास होता है, तो दिक्कतें अवश्य होंगी। एडवोकेट ओ पी शर्मा ने अपने सम्बोधन में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा कि वह मोदी जी की कई नीतियों से वाकिफ नहीं रखते, मगर वह इस बिल का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल में जो मुस्लिम देश में रह रहे हैं, उनका कोई सरोकार नहीं है। जो दूसरे देशों से आए हुए हैं, उनको नागरिकता नहीं दी जाएगी। इसके अलावा मुस्लिम देशों के जो उत्पीडि़त हैं, उनको नागरिकता देने का प्रावधान है, जो मानवता के हित में है। आर एस जाखड़ एवं नरेश नंबरदार ने भी नागरिकता कानून संशोधन को देश हित में बताया और कहा कि इस एक्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे एक विशेष समुदाय को भडक़ाया जा रहा है। इस कानून के द्वारा किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा रही, बल्कि मुस्लिम देशों के कुछ उत्पीडि़तों को भारत नागरिकता देगा। इसलिए किसी भी चीज का विरोध करने से पूर्व उसका अध्ययन करना अति आवश्यक है। इस मौके पर एस के माथुर ने भी सीएए व एनआरसी को लेकर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डा. आलोकदीप ने किया। उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और बच्चो एवं उनके अभिभावकों को एनआरसी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी भी दी। कार्यशाला में स्कूली बच्चों ने आए हुए विशेषज्ञों के सामने अपने कुछ सवाल भी रखे, जिनका उन्होंने उचित जवाब दिया। प्रिंसीपल बीनू शर्मा ने बताया कि स्कूली बच्चों ज्योति, पूजा, निधि आदि ने अपने कुछ सवाल जैसे सीएए एवं एनआरसी क्या है? इसे क्यों पास किया गया ? आम जनता के लिए इनका क्या प्रयोग है? क्या यह जरूरी है कि लोगो को बांटा जाए और उनको दूसरे देशों में भेजा जाए, क्या हो जाएगा अगर उनके पास कागज नहीं है और लम्बे समय से यहां रह रहे हैं तो ? आदि कुछ सवाल प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं। कार्यशाला में के ए पिल्ले, विकास, किशोर शर्मा, वर्मा जी, स्कूल अध्यापिकाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।
को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में जाने-माने एडवोकेट एवं हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी शर्मा, पदमश्री अवार्ड सम्मानित डा. ब्रह्मदत्त, गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष एस आर जाखड़ एवं पार्षद नरेश नंबरदार विशेष रूप से मौजूद रहे। जिन्होंने एनआरसी एवं सीएए बिल के बारे में अपने-अपने विचारों से आए हुए लोगों को अवगत कराया। कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा महिला कल्याण समिति की अध्यक्षा डा. आलोकदीप एवं शिरडी साई बाबा स्कूल के सौजन्य से किया गया। इस मौके पर साईधाम के संस्थापक चेयरमैन डा. मोतीलाल गुप्ता भी विशेष रूप से मौजूद थे। पदमश्री अवार्ड सम्मानित डा. ब्रह्मदत्त ने सीएए व एनआरसी का समर्थन किया, मगर इसमें कुछ खामियां बताई। उन्होंने कहा कि जब इस बिल में इसाईयों, पारसियों सहित सभी को शामिल किया गया है, तो मुसलमानों को भी शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है, इसलिए जब धार्मिक आधार पर कोई कानून पास होता है, तो दिक्कतें अवश्य होंगी। एडवोकेट ओ पी शर्मा ने अपने सम्बोधन में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करते हुए कहा कि वह मोदी जी की कई नीतियों से वाकिफ नहीं रखते, मगर वह इस बिल का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल में जो मुस्लिम देश में रह रहे हैं, उनका कोई सरोकार नहीं है। जो दूसरे देशों से आए हुए हैं, उनको नागरिकता नहीं दी जाएगी। इसके अलावा मुस्लिम देशों के जो उत्पीडि़त हैं, उनको नागरिकता देने का प्रावधान है, जो मानवता के हित में है। आर एस जाखड़ एवं नरेश नंबरदार ने भी नागरिकता कानून संशोधन को देश हित में बताया और कहा कि इस एक्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे एक विशेष समुदाय को भडक़ाया जा रहा है। इस कानून के द्वारा किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा रही, बल्कि मुस्लिम देशों के कुछ उत्पीडि़तों को भारत नागरिकता देगा। इसलिए किसी भी चीज का विरोध करने से पूर्व उसका अध्ययन करना अति आवश्यक है। इस मौके पर एस के माथुर ने भी सीएए व एनआरसी को लेकर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डा. आलोकदीप ने किया। उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और बच्चो एवं उनके अभिभावकों को एनआरसी के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी भी दी। कार्यशाला में स्कूली बच्चों ने आए हुए विशेषज्ञों के सामने अपने कुछ सवाल भी रखे, जिनका उन्होंने उचित जवाब दिया। प्रिंसीपल बीनू शर्मा ने बताया कि स्कूली बच्चों ज्योति, पूजा, निधि आदि ने अपने कुछ सवाल जैसे सीएए एवं एनआरसी क्या है? इसे क्यों पास किया गया ? आम जनता के लिए इनका क्या प्रयोग है? क्या यह जरूरी है कि लोगो को बांटा जाए और उनको दूसरे देशों में भेजा जाए, क्या हो जाएगा अगर उनके पास कागज नहीं है और लम्बे समय से यहां रह रहे हैं तो ? आदि कुछ सवाल प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं। कार्यशाला में के ए पिल्ले, विकास, किशोर शर्मा, वर्मा जी, स्कूल अध्यापिकाएं एवं बच्चे मौजूद रहे।
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