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खनन बिलों के फर्जीवाड़े पर अब नकेल कसने को बदला सिस्टम

Posted by : pramod goyal on : Thursday 26 December 2019 0 comments
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चंडीगढ़।
अवैध खनन का खेल बिलों के फर्जीवाड़े पर भी बड़े स्तर पर चलता है। लेकिन अब इस पर नकेल कसने का तरीका तलाश लिया गया है। मैनुअल तरीके से फर्जी बिल और पर्चियां काटकर अवैध रूप से बड़े वाहनों के जरिये रेत, बालू, पत्थर इत्यादि अपने गंतव्यों तक पहुंचा दिए जाते हैं। इससे न केवल नदियों और पहाड़ों का गलत ढंग से अत्यधिक दोहन होता है, बल्कि सरकार को भी भारी राजस्व नुकसान झेलना पड़ता है।  इसी फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए खनन विभाग अब ‘ई-रवाना’ की व्यवस्था लागू करने जा रहा है। यह एक ऑनलाइन सिस्टम है, जिसके जरिये खनन के दौरान कटने वाले तमाम बिल अथवा पर्ची आनलाइन ही जनरेट  होंगे।

इसकी जानकारी बिल कटते ही वाहन चालक से लेकर विभिन्न निगरानी एजेंसियों समेत क्रशर मालिक तक आटोमैटिक पहुंच जाएगी। इस सॉफ्टवेयर को हरियाणा सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अधीनस्थ हरियाणा नॉलेज कारपोरेशन लिमिटेड (एचकेसीएल) की ओर  से विशेष तौर इसी फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए ही तैयार किया गया है।

इस साफ्टवेयर को ‘ई-रवाना’ का नाम दिया गया है। एचकेसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर दीपक बताते हैं कि काफी हद तक इस सिस्टम पर काम पूरा हो चुका है। उनके अनुसार इससे अवैध खनन रोकने में बड़ी मदद मिलेगी।

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