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सिद्धपीठवैष्णोदेवी मंदिर में सातवें दिन हुई महाकालरात्रिकी भव्य पूजा

Posted by : pramod goyal on : Saturday 5 October 2019 0 comments
pramod goyal
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फरीदाबाद।  सिद्धपीठ श्री महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में सातवें नवरात्रे पर  महाकालरात्रि का भव्य पूजन किया गया। सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लग गया। सभी ने मंदिर में आयोजित हवन यज्ञ व आरती में हिस्सा लिया। इस अवसर पर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया। मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां महाकालरात्रि की पूजा अर्चना करते हुए अपने मन की मुराद मांगी। इस अवसर पर मंदिर संस्थान के चेयरमैन प्रताप भाटिया ने माता रानी की पूजा की। मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया औ मंदिर में माता रानी का बखान किया।
शारदीय नवरात्रि का शनिवार को सातवां दिन है। इस दिन मां कालरात्रि स्वरूप की पूजा-अर्चना विधिपूर्वक  की जाती है।देवी कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण यानी काले रंग का हैइसलिए इनको कालरात्रि कहा जाता है। इस देवी की पूजा से शुभ फलप्राप्त होता है। इस वजह से मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहा जाता है। देवी को रातरानी का फूल प्रिय हैइसलिए पूजा मेंउनको यह फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दुर्गा चालीसा और दुर्गा आरती करना  भूलें।
आदिशक्ति मां दुर्गा ने राक्षसों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए मां कालरात्रि को अपने तेज से उत्पन्न किया था।इनका स्वरूप विकरालदुश्मनों में भय पैदा करने वाला और कृष्ण वर्ण का है। कृष्ण वर्ण के कारण उनका नाम कात्यायनीपड़ा।  मां कालरात्रि का रंग गहरे काले रंग का है और केश खुले हुए हैं। वह गर्दभ पर सवार रहती हैं। उनकी चार भुजाएं हैं।उनके एक बाएं हाथ में कटार और दूसरे बाएं हाथ में लोहे का कांटा है। वहीं एक दायां हाथ अभय मुद्रा और दूसरा दायां हाथवरद मुद्रा में रहता है। गले में माला है।    

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