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फरीदाबाद। अभिभावक एकता मंच हरियाणा के अध्यक्ष एडवोकेट ओ. पी. शर्मा, महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष लांबा व जिला प्रधान डाक्टर मनोज कुमार ने का आरोप है कि वाईएमसीए युनिवर्सिटी प्रशासन की मिलीभगत से आज करीब 500 छात्रों का भ
विष्य दांव पर लगा है। उनका कहना है कि जब 24 मई,2019 से पहले से ही कालेज प्रशासन जरुरी निरक्षण नही करवा रहा था तो उसको 17 अक्टूबर तक का समय क्यों दिया गया। अगर वाईएमसीए युनिवर्सिटी प्रशासन 5 अगस्त को दिए अंतिम नोटिस के साथ ही एफिलेशन वापस लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित करता तो वर्ष 2019-20 सत्र के लिए 14 अगस्त को हुए नए एडमिशन नही हो पाते। अभिभावक एकता मंच ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कालेज प्रशासन को नए सत्र के लिए नए एडमिशन करने का पुरा समय दिया है। अभिभावकों ने सरकार एवं टेक्निकल एजुकेशन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को वाईएमसीए युनिवर्सिटी से संबंधित कालेजों विभाग वाईएमसीए में समायोजित करवाने की मांग की है। महासचिव कैलाश शर्मा व संरक्षक सुभाष लांबा ने बताया कि अगर कालेज प्रशासन व यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो अभिभावक एवं छात्र सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे।
विष्य दांव पर लगा है। उनका कहना है कि जब 24 मई,2019 से पहले से ही कालेज प्रशासन जरुरी निरक्षण नही करवा रहा था तो उसको 17 अक्टूबर तक का समय क्यों दिया गया। अगर वाईएमसीए युनिवर्सिटी प्रशासन 5 अगस्त को दिए अंतिम नोटिस के साथ ही एफिलेशन वापस लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित करता तो वर्ष 2019-20 सत्र के लिए 14 अगस्त को हुए नए एडमिशन नही हो पाते। अभिभावक एकता मंच ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कालेज प्रशासन को नए सत्र के लिए नए एडमिशन करने का पुरा समय दिया है। अभिभावकों ने सरकार एवं टेक्निकल एजुकेशन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को वाईएमसीए युनिवर्सिटी से संबंधित कालेजों विभाग वाईएमसीए में समायोजित करवाने की मांग की है। महासचिव कैलाश शर्मा व संरक्षक सुभाष लांबा ने बताया कि अगर कालेज प्रशासन व यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो अभिभावक एवं छात्र सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे।
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