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नई दिल्ली। प्याज के भावों में तेजी अब उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन रही है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण फसल के खराब होने और इसके पिछड़ने से मंडियों में आवक घट गई है। कम आवक के कारण प्याज के
दामों में तेजी आ गई है।
दामों में तेजी आ गई है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बारिश के कारण प्याज खराब हुई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का थोक भाव 45 सौ रुपए क्विंटल तक पहुंच गया है। जबकि दिल्ली मंडी में यही भाव पांच हजार रुपए क्विंटल तक पहुंच गया है। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में उपभोक्ताओं द्वारा 50-60 रुपए किलो या इससे अधिक भाव पर प्याज रेहड़ी आदि पर खरीदी जा रही है। दिल्ली में प्याज का खुदरा भाव 65 रुपए किलो के स्तर पर पहुंच गया है।
सितंबर 2015 के बाद चार सालों में प्याज के भावों में इतनी तेजी दर्ज की जा रही है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी, लासलगांव कृषि उपज मंडी के डायरेक्टर और पूर्व अध्यक्ष जयदत्त सीताराम होल्कर बताते हैं कि एक सितंबर को प्याज का भाव दो हजार से 2.5 हजार क्विंटल का भाव चल रहा था। वहीं 21 सितंबर को भाव चार हजार से 4500 रुपए क्विंटल तक पहुंच गया है।
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