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जेल के भीतर अधिकारी सतीश पाराशर को सीटीपी बनाना अनैतिक कार्य: पदमश्री ब्रहमदत्त

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 24 September 2019 0 comments
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फरीदाबाद। जिस अधिकारी को जेल के भीतर होना चाहिए, उसे प्रमोशन दी जा रही है। इससे खुद को ईमानदार कहने वाली भाजपा की मनोहर लाल सरकार की कार्यशैली पर प्रश्रचिन्ह लग रहे हैं। कहां तो इस सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर
लाल ने नगर निगम के सीनियर टाऊन प्लानर पद पर रहे सतीश पाराशर को सीएलयू प्रकरण में निलंबित किया था और कहां अब इस सरकार में इस अधिकारी को प्रमोशन देकर चीफ टाऊन प्लानर बनाया गया है। यह बातें स्थानीय गोल्फ क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पदमश्री ब्रहमदत्त ने कही। इस अवसर पर आरटीआई एक्टिविस्ट एवं समाजसेवी वरूण श्योकंद एवं बाबा रामकेवल भी मौजूद थे। पदमश्री ब्रहमदत्त ने पत्रकारों से कहा कि सीनियर टाऊन प्लानर नगर निगम के अधिकारी सतीश पाराशर को तमाम कायदे कानूनों की धज्जियां उड़ाकर चीफ टाऊन प्लानर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए वह मीडिया के सामने यह आवाज उठा रहे हैं, ताकि उनकी आवाज को सरकार के कानों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सतीश पाराशर को प्रमोशन देने के पीछे हरियाणा लोकल बॉडी के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण का दिमाग है। ये दोनों अधिकारी अपनी करतूतों से भाजपा सरकार की छवि को तार तार कर रहे हैं। इसलिए उनकी मांग है कि लोकल बॉडी के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित किया जाए। 
आरटीआई एक्टिविस्ट वरूण श्योकंद ने कहा कि सतीश पाराशर के खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हैं। 19/4/2018 को उनकी शिकायत पर थाना ओल्ड फरीदाबाद में अदालत के आदेश पर नगर निगम के अधिकारी सतीश पाराशर के खिलाफ डेयरी परियोजना में एक महिला कर्मचारी को फर्जी जीपीए के आधार पर प्लाट दिलवाने को लेकर धारा 120 बी, 201, 406,420, 467,468,471 एवं 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी प्रकार स्टेट विजिलेंस ब्यूरो फरीदाबाद थाने में भी सतीश पाराशर के खिलाफ मुकदमा नंबर 0003 दिनांक 22/8/2019 में धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 एवं भ्रष्टाचार अधिनिमय की धारा 13(1) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।  एनआईटी में हार्डवेयर चौक पर एक रिहायशी कालोनी में गलत तरीके से सबडिवीजन  व नक्शे पास करने को लेकर विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें भी नामजद किया है। इसके अलावा नगर निगम की कमिश्नर सोनल गोयल ने भी निगम अधिकारी सतीश पाराशर के खिलाफ सरकार को पत्र लिखे हैं। एचसीएस अधिकारी महावीर प्रसाद ने भी डेयरी परियोजना में फर्जी तरीके से प्लाट आवंटन को लेकर सतीश पाराशर को दोषी करार दिया है। इन सभी के साथ साथ तत्कालीन निगम आयुक्त मोहम्मद शाईन ने भी नगर निगम की प्लानिंग ब्रांच के खिलाफ थाना एसजीएम नगर एनआईटी में दो मुकदमे no. 263 - 264 दर्ज करवाए हैं, जिसमें  सतीश पाराशर का नाम भी है,  यह मुकदमे भी जालसाजी, 420, अपने पद का दुरुपयोग करना व करप्शन की धाराओं में किए गए हैं। इतना सब होने के बावजूद हरियाणा सरकार में बैठे अधिकारी आंख मूंदकर सतीश पाराशर को तरक्की दे रहे हैं। 
वरूण श्योकंद ने कहा कि यह अंधेर नगरी नहीं तो और क्या है। श्योकंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि सतीश पाराशर ने फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर टाऊन प्लानर के पद पर रहते हुए अपनी कुर्सी का नाजायज लाभ उठाते हुए सूरजकुंड रोड पर कई अवैध फार्म हाऊसों को सीएलयू प्रदान कर दिए। इसी प्रकार नीलम बाटा रोड पर प्लाट नंबर 49 को भी तमाम कायदे कानूनों को धत्ता बताते हुए सीएलयू प्रदान कर दिया गया। जिनके चलते सरकार ने उन्हें निलंबित भी किया है।  श्योकंद ने नगर निगम अधिकारी सतीश पाराशर को अपराधिक प्रवृति का अधिकारी बताते हुए कहा कि इतने मुकदमें दर्ज होने के बाद जहां इस अधिकारी को जेल के भीतर होना चाहिए,वहीं दूसरी ओर सरकार उसे तरक्की देकर भ्रष्टाचार के जरिए आम आदमी का तेल निकालने के लिए खुली छूट दे रही है। वरूण ने कहा कि विधानसभा चुनावों के मददेनजर आदर्श आचार संहिता लगने के बाद बैक डेट में सतीश पाराशर को चीफ टाऊन प्लानर बनाया गया है, जोकि सीधे तौर पर आचार संहिता का उल्लघंन है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त, हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त, मुख्य सचिव हरियाणा सरकार सहित जिले के निर्वाचन अधिकारी को भी शिकायत भेजी है। वरूण श्योकंद ने कहा कि यदि जल्द ही सतीश पाराशर व आनंद मोहन शरण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो बाबा रामकेवल के नेतृत्व में सैंकड़ों लोग धरना प्रदर्शन करने के लिए मजूबर होंगे।

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