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फरीदाबाद। पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आईपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के एडवोकेट अशोक अग्रवाल से कहा है कि वह सरकारी स्कूलों के कंडम व जर्जर हो चुके कमरों व संसाधनों की कमी के बारे में रेगुलर जनहित याचिका दायर करें l आईपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कैलाश शर्मा ने बताया कि श्री अग्रवाल ने 2 सितंबर को उच्च न्या
यालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर पांच सरकारी स्कूल अनंगपुर, मोहना, तिगांव दयालपुर फरीदपुर के कंडम व जर्जर घोषित कर दिए गए स्कूली कमरों की हालत तथा इनमें सभी जरूरी संसाधनों की कमी के बारे में उचित कार्रवाई करने व पत्र को जनहित याचिका मानने का आग्रह किया थाl बाद में श्री अग्रवाल ने हरियाणा अभिभावक एकता मंच के साथ मिलकर गोछी, बड़कल गांव, प्रेस कॉलोनी स्कूलों मैं जाकर पता लगाया कि इन स्कूलों में भी अधिकांश कमरे कंडम व जर्जर हो चुके हैं जिनमें बच्चों को पढ़ाया जा रहा है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है l इन सभी स्कूलों की हालत जानने के बाद श्री अग्रवाल ने 9 सितंबर को एक और पत्र मुख्य न्यायाधीश को भेजकर बताया कि इन स्कूलों के 5843 बच्चों को इन्हीं कमरों में या खुले में पढ़ाया जा रहा है इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है इन स्कूलों में सभी जरूरी संसाधनों पीने का पानी, साफ व स्वच्छ टॉयलेट ,साइंस लैब, खेल का मैदान,पंखे, ब्लैक बोर्ड आदि की भी कमी है जिसके चलते ही इस शिक्षा सत्र में भी छात्रों की संख्या बहुत कम हो गई है और अगर यही हालत रही तो धीरे धीरे कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाएगा सरकार पहले ही सैकड़ों स्कूलों को बंद कर चुकी है और कई स्कूलों में साइंस की पढ़ाई बंद कर दी है l अशोक अग्रवाल के पत्र पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने 17 सितंबर को अशोक अग्रवाल पत्र लिखकर कहा है कि वह इस विषय पर एक रेगुलर जनहित याचिका दायर करें l कैलाश शर्मा ने बताया कि आइपा व मंच की ओर से एक-दो दिन में और कई सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करके उनमें उपलब्ध सभी जरूरी संसाधन और जर्जर हो चुके कमरों के बारे में पता लगाकर फिर सभी स्कूलों की स्थिति के बारे में अक्टूबर में एक विस्तृत जनहित याचिका दायर की जाएगी l
यालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर पांच सरकारी स्कूल अनंगपुर, मोहना, तिगांव दयालपुर फरीदपुर के कंडम व जर्जर घोषित कर दिए गए स्कूली कमरों की हालत तथा इनमें सभी जरूरी संसाधनों की कमी के बारे में उचित कार्रवाई करने व पत्र को जनहित याचिका मानने का आग्रह किया थाl बाद में श्री अग्रवाल ने हरियाणा अभिभावक एकता मंच के साथ मिलकर गोछी, बड़कल गांव, प्रेस कॉलोनी स्कूलों मैं जाकर पता लगाया कि इन स्कूलों में भी अधिकांश कमरे कंडम व जर्जर हो चुके हैं जिनमें बच्चों को पढ़ाया जा रहा है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है l इन सभी स्कूलों की हालत जानने के बाद श्री अग्रवाल ने 9 सितंबर को एक और पत्र मुख्य न्यायाधीश को भेजकर बताया कि इन स्कूलों के 5843 बच्चों को इन्हीं कमरों में या खुले में पढ़ाया जा रहा है इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है इन स्कूलों में सभी जरूरी संसाधनों पीने का पानी, साफ व स्वच्छ टॉयलेट ,साइंस लैब, खेल का मैदान,पंखे, ब्लैक बोर्ड आदि की भी कमी है जिसके चलते ही इस शिक्षा सत्र में भी छात्रों की संख्या बहुत कम हो गई है और अगर यही हालत रही तो धीरे धीरे कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाएगा सरकार पहले ही सैकड़ों स्कूलों को बंद कर चुकी है और कई स्कूलों में साइंस की पढ़ाई बंद कर दी है l अशोक अग्रवाल के पत्र पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने 17 सितंबर को अशोक अग्रवाल पत्र लिखकर कहा है कि वह इस विषय पर एक रेगुलर जनहित याचिका दायर करें l कैलाश शर्मा ने बताया कि आइपा व मंच की ओर से एक-दो दिन में और कई सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करके उनमें उपलब्ध सभी जरूरी संसाधन और जर्जर हो चुके कमरों के बारे में पता लगाकर फिर सभी स्कूलों की स्थिति के बारे में अक्टूबर में एक विस्तृत जनहित याचिका दायर की जाएगी l
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