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फरीदाबाद।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेड क्रॉस और सेंट जॉन एम्बुलैंस ब्रिगेड ने प्राचार्या नीलम कौशिक की अगुआई में अंग्रेजी प्रवक्ता, जूनियर रेड क्रॉस व ब्रिगेड अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने विश्व जल दिवस पर जल के बुद्धिमतापूर्ण उपयोग पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1933 से विश्व भर में जल दिवस को लेकर कार्यक्रमों में विश्व जल दिवस के अवसर पर विभिन्न गतिविधियां चलाई जाती हैं। इस बात पर सभी ने सहमति व्यक्त की कि वृक्ष तथा पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा होनी चाहिए। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि पूरे विश्व के लोगों द्वारा हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की घोषणा की गयी थी। इसे पहली बार वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में “पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन” की अनुसूची 21 में आधिकारिक रुप से जोड़ा गया था और पूरे दिन के लिये अपने नल के गलत उपयोग को रोकने के द्वारा जल संरक्षण में उनकी सहायता प्राप्त करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 1993 से इस उत्सव को मनाना शुरु किया।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेड क्रॉस और सेंट जॉन एम्बुलैंस ब्रिगेड ने प्राचार्या नीलम कौशिक की अगुआई में अंग्रेजी प्रवक्ता, जूनियर रेड क्रॉस व ब्रिगेड अधिकारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने विश्व जल दिवस पर जल के बुद्धिमतापूर्ण उपयोग पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1933 से विश्व भर में जल दिवस को लेकर कार्यक्रमों में विश्व जल दिवस के अवसर पर विभिन्न गतिविधियां चलाई जाती हैं। इस बात पर सभी ने सहमति व्यक्त की कि वृक्ष तथा पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा होनी चाहिए। रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि पूरे विश्व के लोगों द्वारा हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा के द्वारा इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने का निर्णय किया गया। लोगों के बीच जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रुप में मनाने के लिये इस अभियान की घोषणा की गयी थी। इसे पहली बार वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में “पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन” की अनुसूची 21 में आधिकारिक रुप से जोड़ा गया था और पूरे दिन के लिये अपने नल के गलत उपयोग को रोकने के द्वारा जल संरक्षण में उनकी सहायता प्राप्त करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के लिये वर्ष 1993 से इस उत्सव को मनाना शुरु किया।
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