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प्राइवेट स्कूल संचालकों की तारीफ करने वाली शिक्षा मंत्री से मंच ने पूछा

Posted by : pramod goyal on : Monday, 22 July 2024 0 comments
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 हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा है कि कोई जबरदस्ती थोड़ी न है कि उसी स्कूल में पढ़ना है, स्कूल बदल लो। उन्होंने यह भी कहा कि जितना गुड़ हम खाएंगे, उसकी कीमत भी तो अदा करनी पड़ेगी। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने शिक्षा मंत्री के इन बयानों पर घोर आपत्ति प्रकट करते हुए पिछले शिक्षा मंत्री की तरह उन्हें भी प्राइवेट स्कूल संचालकों के आगे नतमस्तक होना बताया है।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने शिक्षा मंत्री को याद दिलाया है कि उन्हीं की सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए कई कठोर कानून बना रखे हैं,
प्राइवेट स्कूलों ने फीस वृद्धि करके 6 महीने की फीस वसूल ली है शिक्षा विभाग अब पूछ रहा है कि कितनी फीस बढ़ाओगे? स्कूल वाले फार्म 6 में कितनी भी फीस बढ़ा कर लिख दें शिक्षा निदेशक उसकी सत्यता व वैधानिकता की जांच व चेकिंग नहीं करता है और बढ़ाई गई नियम विरुद्ध फीस को मोन समर्थन व मान्यता प्रदान कर देता है। स्कूल संचालक अपने अध्यापकों को बहुत कम वेतन देते हैं लेकिन हस्ताक्षर ज्यादा वेतन देने पर कराते हैं। मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व लीगल एडवाइजर एडवोकेट बीएस विरदी ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल संचालकों ने सस्ती शिक्षा देने, शिक्षा का 
व्यापारीकरण न करने का शपथ पत्र देकर हुडा विभाग से आम जनता के लिए बनाए गए पार्क व ग्रीन बेल्ट की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदा है। जमीन देने के बाद जो अलॉटमेंट लेटर स्कूल संचालकों को दिया गया हुडा विभाग ने उसमें दर्जनों शर्तें लगाई हैं लेकिन कोई भी स्कूल उनका पालन नहीं करता है। हुडा नियमों का उल्लंघन सही पाए जाने पर कई स्कूलों का भूमि आवंटन भी रद्द कर दिया गया है। मंच ने शिक्षा मंत्री से इस पर भी अपने विचार प्रकट करने को कहा है। कैलाश शर्मा ने कहा है कि मैडम सीमा त्रिखा के शिक्षा मंत्री बनने पर मंच ने उनके व्हाट्सएप नंबर व मेल पर उनको बधाई व शुभकामना देते हुए उनको शिक्षा विभाग, सीबीएसई व हुडा विभाग के उन नियम कानूनों की जानकारी दी थी जिनका उल्लंघन करके प्राइवेट स्कूल संचालक अपने छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं। यह भी अपील की थी कि वे प्राइवेट स्कूलों से इन सभी नियमों का पालन करवाएं लेकिन उन्होंने आज तक मंच के पत्रों पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है 
मंच ने प्रदेश के अभिभावकों से कहा है कि यह सरकार और इसके मंत्री सांसद विधायक पूरी तरह से प्राइवेट स्कूल संचालकों के आगे नतमस्तक हैं,उनके हित में फैसले लेकर उनको संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में अभिभावक अपनी वोट की ताकत से इस सरकार को सबक सिखाएं।


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