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मतदान तक अपने पक्ष में माहौल बनाए रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती !

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 15 May 2024 0 comments
pramod goyal
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 मजबूत प्रत्याशियों और एंटी इंकमबेंसी के चलते कांग्रेस के पक्ष में बनी हवा के बावजूद लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए अब इतना आसान नहीं लग रहा। प्रदेश में कांग्रेस के लिए कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। मतदान की तिथि तक अपने पक्ष में माहौल को बनाए रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। 


एक तो संगठन नहीं होने के चलते भाजपा के मुकाबले कांग्रेस बूथ स्तर तक पहुंचने में पिछड़ रही है। दूसरा, प्रदेश के दिग्गज नेताओं की गुटबाजी भी पार्टी के लिए घातक साबित हो रही है। अभी तक हरियाणा में पार्टी के स्टार प्रचारक नहीं उतर पाए हैं। केवल पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ही कमान संभाल रहे हैं। 

कांग्रेस अभी तक हाईकमान के नेताओं के लिए रैलियों की तारीख व स्थान भी तय नहीं कर पाई है। दूसरी तरफ, भाजपा के सीएम और पूर्व सीएम प्रदेश के 86 विजय संकल्प रैलियां कर चुके हैं। इसके अलावा 16 मई से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी हरियाणा में दस्तक देकर धड़ाधड़ रैलियां करके अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेगा।
कई सर्वे के बाद 26 अप्रैल को जब कांग्रेस ने प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे तो उस समय प्रदेश में अचानक से कांग्रेस की हवा बनी और लोगों में चर्चा थी कि इस बार कांग्रेस कई सीटों पर जीत सकती है। आम व्यक्ति से लेकर सट्टा बाजार और चुनावी विश्लेषक तक कांग्रेस की पांच सीटों पर जीत तय मान रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, भाजपा ने पूरी ताकत के साथ जमीनी स्तर पर काम तेज कर दिया है और दूसरी तरफ कांग्रेस का प्रचार कमजोर पड़ रहा है।
हरियाणा में लोकसभा चुनाव में अब महज 10 दिन का समय बचा है। चुनाव प्रचार अब आठ दिन और चलेगा। दोनों पार्टियों का आकलन करें तो अब तक भाजपा 86 विजय संकल्प रैलियां कर चुकी है। मनोहर और नायब सिंह सैनी की जोड़ी अधिकतर विधानसभा हलकों को कवर कर चुकी है। 

 वहीं, देरी से प्रत्याशी उतारने के चलते भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र अब तक सात लोकसभा क्षेत्रों में 28 रैलियां ही कर पाए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पंचकूला में रोड शो कर चुके हैं और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी हरियाणा में प्रचार में उतर चुके हैं। 16 मई से उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी प्रचार को धार देने आएंगे। 
इसके बाद हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बारी आएगी। पीएम नरेंद्र मोदी की चार रैलियां और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तीन कार्यक्रम तय हो चुके हैं। वहीं, कांग्रेस आलाकमान की ओर से अभी तक कोई बड़ा नेता हरियाणा में नहीं आ पाया है। 

इसके अलावा जनसंपर्क की बात करें तो भाजपा इसमें भी कांग्रेस से बहुत आगे है। जिला, ब्लाॅक से लेकर मंडल स्तर और बूथ स्तर से पन्ना प्रमुख तक भाजपा ने प्रचार में उतार दिए हैं और मतदाताओं के घर-घर दस्तक देनी शुरू कर दी है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान का कहना है कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है। सभी प्रत्यायिशयों के लिए प्रचार किया जा रहा है। एक-दो दिन में शीर्ष नेताओं के दाैरे भी तय हो जाएंगे।

कांग्रेस ने 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है। इनमें मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी केंद्रीय नेता हैं। इनके अलावा हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह, पूर्व मंत्री आनंद शर्मा, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, अजय माकन, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल व सचिन पायलट समेत अन्य नाम शामिल हैं। इनमें से कोई भी नेता हरियाणा नहीं आया है। 

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