वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से ग्रैप-4 का सिफारिशों को लागू किए जाने के बाद बीएस-4 व अन्य डीजल वाहनों की एंट्री बंद तो दिल्ली में की गई है, लेकिन इसका असर एनसीआर क्षेत्र सहित पूरे जीटी बेल्ट के जिलों में ही नहीं बल्कि राज्यभर में पड़ रहा है। जीटी बेल्ट के जिलों से करीब 1500 ट्रक जो दिल्ली में प्रवेश करते थे, उनके पहिये ठहर गए हैं, जिससे वाहन संचालकों को करीब 50 लाख रुपये प्रतिदिन की क्षति उठानी पड़ रही है। इसके अलावा ट्रकों से आने-जाने वाले माल के समय पर नहीं पहुंचने से करोड़ों की चपत लग रही है।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर मलिक ने बताया कि दिल्ली में डीजल के वाहनों के बंद करने से ट्रांसपोर्टर ही नहीं आमजन भी प्रभावित होगा। किराना के सामान का संकट पैदा होगा। वहीं कैथल से करीब 200, कुरुक्षेत्र से 190, अंबाला से लगभग 700 और यमुनानगर से 150 के करीब डीजल ट्रक दिल्ली जाते हैं।
औसतन जीटी बेल्ट से करीब 1500 से 1600 ट्रक दिल्ली जाते हैं, जिनके खड़े रहने से करीब 50 लाख रुपये के प्रति नुकसान की संभावना है। इसके अलावा उद्योगों के माल, किराना व अन्य बाजारों का सामान न आने से करोड़ों का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
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