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आशा वर्कर यूनियन ने मांगों के समर्थन मे प्याली चौक से जवाहर कॉलोनी तक जुलूस निकाला

Posted by : pramod goyal on : Saturday, 16 September 2023 0 comments
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 फरीदाबाद 16 सितंबर आशा वर्कर यूनियन जिला कमेटी फरीदाबाद ने  आज शनिवार को अपनी मांगों के समर्थन मे  प्याली  चौक से  लेकर जवाहर कॉलोनी तक जुलूस निकाला तथा जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। इसके बाद एन आई टी 86 विधानसभा के  विधायक नीरज शर्मा के आवास पर जा


कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन  सौंपा। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान हेमलता कर रही थी। जबकि संचालन जिला सचिव सुधा  ने किया। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर और जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिले भर की सैकड़ो आशा वर्कर पयाली चौक पर एकत्रित हुई। यहां पर सभा को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने सरकार पर आशा वर्करों  की हड़ताल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 8 अगस्त से हड़ताल जारी है। आज 40 दिन हो गए हैं। लेकिन इतने दिनों के बाद भी सरकार बातचीत करके समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर 2005 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं जनता तक पहुंचाने का काम करती हैं। आशा वर्करों ने कोरोना काल में रिकॉर्ड तोड़ काम किया। जिसके फल स्वरुप विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी उनके कार्य की सराहना की। स्वास्थ्य विभाग में सबसे महत्वपूर्ण काम करने वाली आशा वर्कर्स को थोड़ी सी प्रोत्साहन राशि दी जाती है। केंद्र हो या राज्य सरकार आशा वर्करों पर उनकी बुनियादी कार्यों के अलावा रोज नए-नए काम करने का दबाव बनाया जाता है। आशा वर्कर पर सभी प्रकार के सर्वे ऑनलाइन करने, एमसीडी का सर्वे ऑनलाइन करने, आयुष्मान भारत कार्ड की केवाईसी करने, कार्ड जनरेट करने, टीवी के सर्वे करने, और तो और गांव में नशा करने वालों की संख्या वह किस प्रकार का नशा करते हैं। इसका सर्वे जैसे अनेक कार्यों को करने का भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है। यह सभी कार्य सरकार आशा वर्करों से फ्री में करवा रही है। इसकी एवज में किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाती है। इनके मानदेय और प्रोत्साहन राशियों में पिछले   5 वर्ष से वृद्धि नहीं हुई है। यदि आशा वर्कर सम्मानजनक वेतन की मांग करती हैं। तो उन्हें स्वयंसेवी कहा जाता है। परंतु अतिरिक्त कार्य करने पर नौकरी से हटा देने का दबाव बनाया जा रहा है। आशा वर्कर्स के लिए रोज नए-नए धमकी भरे पत्र जारी किए जाते हैं। पहले  से तय प्रोत्साहन राशियों में कटौतियां की गई है। सरकार की इस दमन और उत्पीड़न की नीतियों के खिलाफ आशा वर्कर को मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा। इससे पहले यूनियन ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू किया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के सामने में जून के महीने में प्रदर्शन करके जुलाई में जिला मुख्यालय पर भी रोष करवाई हुई। लेकिन सरकार ने आशाओं की मांगों को लागू करने के लिए किसी भी प्रकार की बैठक नहीं बुलाई। हड़ताल के बाद जब 28 अगस्त को  विधानसभा चलो का कार्यक्रम घोषित किया गया। तब 27 अगस्त से ही प्रदेश भर में आशा वर्कर्स की गिरफ्तारी  शुरू कर दी गई। पंचकूला पहुंचे नहीं दिया गया। जो वर्कर पंचकूला पहुंची उन पर बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की गई। सैकड़ो आशा वर्करों  और सीटू के नेताओं को पुलिस थानों में बंद किया गया। उन्होंने सरकार की दमनकारी नीतियों की कडे शब्दों में निंदा की। और बताया कि यूनियन ने 18 सितंबर को केंद्रीय मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर के आवास पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।  इसमें पलवल की आशाएं भी शामिल  होगी। प्रदर्शनकारियों को  चंद्रप्रभा, पूजा गुप्ता, नेहा जोशी, सुशील चौधरी, मिड डे मील की प्रधान कमलेश ने भी संबोधित किया।

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