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असम के तेजपुर से फरीदाबाद पहुंची सीमा सुरक्षा बल की साइकिल रैली को पुलिस उपायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

Posted by : pramod goyal on : Thursday 30 September 2021 0 comments
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 फरीदाबाद:* आजादी के अमृत महोत्सव तथा गांधी जयंती के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा आयोजित की गई साइकिल रैली असम के तेजपुर से चलकर कल फरीदाबाद पहुंची जहां पर पुलिस उपायुक्त डॉ अंशु सिंगला ने साइकिल रैली का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर डीसीपी बल्लबगढ़ जयबीर राठी व अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे।

आपको बता दें कि सीमा सुरक्षा बल द्वारा आयोजि

त की गई साइकिल रैली 25 अगस्त 2021 को असम के तेजपुर से रवाना हुई थी जो 2 अक्टूबर 2021 को गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पहुंचेगी। इस साइकिल यात्रा में करीब 200 जवान शामिल थे जिसमें 90 साइकिलिस्ट व बाकी सपोर्टिंग स्टाफ शामिल था। सीमा सुरक्षा बल की 50वीं बटालियन के उप-कमांडेंट टीएच बसंता ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में अपना अहम योगदान देने वाले देशभक्तों और क्रांतिवीरों के सम्मान में यह साइकिल रैली रास्ते में पड़ने वाले उनके स्मारकों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए आ रही है। सीमा सुरक्षा बल के जवानों का स्वागत करने के लिए बल्लभगढ़ के अग्रसेन भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया था जहां पर उस उनके ठहरने, व खाने पीने की व्यवस्था की गई थी। आज सुबह पुलिस आयुक्त डॉ अंशु सिंगला ने रैली में शामिल जवानों को हरी झंडी दिखाकर उन्हें उनके गंतव्य के लिए रवाना किया। डॉक्टर सिंगला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह रैली गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित की गई है। इसका उद्देश्य गांधी जी के विचारों को आमजन तक पहुंचाना है। गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के पथ पर चलकर देश को आजादी दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था, उन्ही के विचारों को जनता तक पहुंचाने का कार्य इस साइकिल रैली द्वारा किया जा रहा है। यह साइकिल रैली नागरिकों को हिंसा को छोड़कर अहिंसा के पथ पर चलने और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वाहन करने के लिए प्रेरित करेगी। इसका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति के लिए जागृति लाना तथा देश प्रेम की भावना को प्रबल करना है। इसके साथ-साथ विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के दौरान अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करने के लिए भी प्रेरित करना है। नागरिकों को इससे प्रेरणा लेकर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाकर गांधीजी के विचारों से प्रेरित होकर अपना योगदान देना चाहिए।

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