//# Adsense Code Here #//
प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों ने लॉकडाउन में ट्यूशन फीस में वृद्धि कर दी है इसके अलावा वे अन्य कई फंडों में फीस मांग रहे हैं। इसका अभिभावकों के साथ-साथ हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने भी विरोध किया है। मंच का कहना है कि स्कूल प्रबंधक अभिभावकों के पास नोटिस भेजकर अप्रैल,मई जून की बढ़ाई गई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस व अन्य कई फंडों में फीस मांग रहे हैं। जमा न कराने पर ऑनलाइन क्लास बंद करने व बच्चे का नाम काटने की धमकी दे रहे हैं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने मुख्यमंत्री को इस विषय पर 28 अप्रैल को एक पत्र
लिखा था अब पुनः एक और पत्र लिखकर मांग की है कि अभिभावकों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण स्कूलों द्वारा मांगी जा रही अप्रैल मई जून की फीस माफ की जाए क्योंकि स्कूल बंद हैं।अधिकांश परिवारों में सदस्य कोरोना संक्रमित होने के कारण अलग-अलग कमरों में आइसोलेटेड रह रहे हैं इससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। जुलाई से स्कूल खुलने पर सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से वसूली जाए।
लिखा था अब पुनः एक और पत्र लिखकर मांग की है कि अभिभावकों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण स्कूलों द्वारा मांगी जा रही अप्रैल मई जून की फीस माफ की जाए क्योंकि स्कूल बंद हैं।अधिकांश परिवारों में सदस्य कोरोना संक्रमित होने के कारण अलग-अलग कमरों में आइसोलेटेड रह रहे हैं इससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। जुलाई से स्कूल खुलने पर सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से वसूली जाए।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि मंच को ग्रैंड कोलंबस, डीएवी, एमडीपीएस, मानव रचना, एपीजे, एमवीएन आदि स्कूलों के अभिभावकों ने जानकारी दी है कि उनको स्कूल की तरफ से नोटिस भेजकर और फोन करके अप्रैल मई जून की बढ़ाई गई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज व अन्य फंड्स की राशि 17 मई तक जमा कराने को कहा गया है। निर्धारित तारीख तक फीस जमा न कराने पर ऑनलाइन क्लास बंद करने या बच्चे का नाम काटने की धमकी दी जा रही है। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधकों ने कोरोना काल को अवसर में बदलते हुए शिक्षा सत्र 2021- 22 में ट्यूशन फीस व अन्य गैरकानूनी फंडों में 20 से 40% तक की वृद्धि कर दी है। नियमानुसार फीस बढ़ाने से पहले स्कूल की वैधानिक रूप से चुनी गई पेरेंट्स एसोसिएशन से ना तो सलाह ली गई और ना सहमति। इसके अलावा बिना फार्म 6 की जांच पड़ताल हुए व बिना शिक्षा निदेशक की अनुमति के फीस बढ़ा दी है। जो पूरी तरह से गलत व नियम विरुद्ध है। अभिभावक पहले से ही मंदी के शिकार है। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन में बनाई गई गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए अपने घरों में ही रहें और स्कूलों के इस तरह के नोटिसो से न घबराएं और स्कूलों की प्रत्येक मनमानी का डटकर विरोध करें।
मंच उनके साथ है।
No comments :