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हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों से कहा है कि वे लॉकडाउन में अभिभावकों से किसी भी प्रकार की फीस ना वसूलें।जुलाई में अगर स्कूल खुलते हैं तो सिर्फ बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर वसूलें इसके अलावा अन्य किसी फंड में एक भी पैसा ना लें। लॉकडाउन में बिगड़े आर्थिक हालात को देखते हुए अगर कोई पेरेंट्स ट्यूशन फीस भी मासिक आधार पर देने में असमर्थ हैं उनकी ट्यूशन फीस माफ करें। मंच ने मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री को भी पत्र लिखकर इस
बारे में पेरेंट्स की मदद करने की गुहार लगाई है।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओ पी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि स्कूल बंद हैं और 31 मई तक अध्यापक भी अवकाश पर हैं। उसके बाबजुद स्कूल प्रबंधक अभिभावकों के पास नोटिस भेजकर अप्रैल,मई जून की बढ़ाई गई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस व अन्य कई फंडों में फीस मांग रहे हैं। जमा न कराने पर ऑनलाइन क्लास बंद करने व बच्चे का नाम काटने की धमकी दे रहे हैं। मंच ने स्कूल प्रबंधकों से अपील की है कि वे ऐसा ना करें। कोरोना की इस दूसरी लहर में अभिभावकों की हालत पहले से ज्यादा खराब हो गई है। कोरोना की तीसरी लहर,जो युवाओं के लिए ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है की आशंका को देखते हुए पेरेंट्स पहले से ही अपने बच्चों के स्वास्थ्य व भविष्य को लेकर परेशान हैं ऐसे में स्कूल के फीस नोटिस ने उनको और तनाव में डाल दिया है। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि फीस को जायज़ ठहराने के लिए जो ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई कराई जा रही है वह सिर्फ खाना पूर्ति है। अप्रैल मई में अधिकांश परिवारों में सभी सदस्य कोरोना संक्रमित होने के कारण अलग-अलग कमरों में आइसोलेटेड रहे हैं और रह रहे हैं इससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधकों ने कोरोना काल में सत्र 2021- 22 में ट्यूशन फीस व अन्य गैरकानूनी फंडों में 20 से 40% तक की वृद्धि कर दी है। जो किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है। मंच ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर अभिभावकों की मदद करने की अपील की है।
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