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चेयरमैन एफएफआरसी ने प्राइवेट स्कूल संचालकों के हित में निकाला प्रेस नोट, मंच ने विरोध स्वरूप चेयरमैन को लिखा पत्र

Posted by : pramod goyal on : Friday 2 April 2021 0 comments
pramod goyal
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 फीस को लेकर उच्चतम न्यायालय व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद हरियाणा सरकार व उसके शिक्षा विभाग द्वारा कोई भी पत्र जारी न करने के बावजूद चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद द्वारा सीधे तौर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए समाचार पत्रों के लिए भ्रमित करने वाला  प्रेस  नोट जारी करने का हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने विरोध किया है और चेयरमैन एफएफआरसी को पत्र लिखकर अभिभावकों की चिंता से अवगत कराया है। 

मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय या हाईकोर्ट जब भी कोई फैसला देता है तो उसके संदर्भ में संबंधित राज्य पत्र

जारी करता है जैसा कि हरियाणा सरकार ने ट्यूशन फीस को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के 1 अक्टूबर के फैसले के बाद 9 अक्टूबर को सभी जिला शिक्षा अधिकारी के लिए पत्र निकाला था लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कोई भी पत्र जारी नहीं किया है मंच हरियाणा सरकार के ऐसे पत्र की प्रतीक्षा कर रहा है जिसमें साफ तौर से यह लिखा हो कि प्राइवेट स्कूल प्रबंधक ट्यूशन फीस के साथ साथ एनुअल चार्ज, एडमिशन फीस, बिल्डिंग, डेवलपमेंट,आदि अन्य फंडों में अभिभावकों से फीस वसूल सकते हैं और जो अभिभावक इन फंडों को ना दें तो उनके बच्चों का रिपोर्ट कार्ड रोक सकते हैं, उन्हें प्रमोट नहीं कर सकते हैं।। मंच का साफ साफ कहना है कि जब कोई पत्र हरियाणा सरकार ने जारी ही नहीं किया है तो उससे पहले चेयरमैन एफएफआरसी द्वारा समाचार पत्रों में भ्रमित प्रेसनोट देना पूरी तरह से प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाना है। मंच का आरोप है कि चेयरमैन एफएफआरसी के इस प्रेस नोट के बाद तो स्कूल प्रबंधक अपने छात्र व पेरेंटस को और अधिक हरासमेंट व विक्टिमाइज कर रहे हैं। वे पेरेंट्स से कह रहे हैं कि अब तो चेयरमैन एफएफआरसी ने भी कह दिया है कि अभिभावक एनुअल चार्ज व मांगे जा रहे अन्य फंडों में फीस जमा कराएं। मंच ने मुख्यमंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा व डायरेक्टर सीनियर सेकेंडरी से कहां है कि वे एफएफआरसी फरीदाबाद द्वारा निकाले गए प्रेस नोट पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें और ट्यूशन फीस व अन्य फंडों  को लेकर स्थिति स्पष्ट करें। मंच ने अभिभावकों से कहा कि वे स्कूलों की मनमानी का विरोध जारी रखें।

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