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कृषि कानूनों की वापसी ही मेरी अंतिम इच्छा, टीकरी बॉर्डर के पास पेड़ पर लटका मिला किसान

Posted by : pramod goyal on : Sunday 7 March 2021 0 comments
pramod goyal
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 कृषि कानूनों के विरोध में लगातार चल रहे किसान आंदोलन में बहादुरगढ़ में टीकरी बॉर्डर पर एक और किसान ने आत्‍महत्‍या कर ली। सुबह किसानों ने धरनास्थल से थोड़ी दूर खेत में पेड़ पर लटका देखा। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी में भिजवा दिया है। मौके से मिले दो पन्नों के पत्र में उसने अपने मरने की वजह लिखी है। कृषि कानूनों की समाप्ति को अपनी अंतिम इच्छा बताते हुए सरकार से पूरा करने की अपील की है। उधर, ग्रामीण टीकरी बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं।

मृतक किसान की पहचान हिसार जिले के सिसाय गांव के निवासी राजबीर के रूप में हुई है। राजबीर शुरुआत से ही किसान आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। पिछले 10 दिन से यहां टीकरी बॉर्डर के धरने पर मौजूद था। शनिवार रात को वह अपने गांव के जत्थे से अलग हो गया और खेतों


में जाकर आत्महत्या कर ली। इस बात का पता रविवार सुबह चला, जब लोगों ने पेड़ से उसका शव लटका देखा। राजबीर ने दो पन्ने के सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि सरकार मरने वाली की आखिरी इच्छा पूरी करती है तो मेरी इच्छा ये है कि कृषि कानूनों को रद किया जाए। राजबीर सिंह के एक बेटा व बेटी है। राजबीर ने अपने सुसाइड नोट में सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा है कि ये सरकार खून मांगती और मैं अपनी शहादत देता हूँ। मेरी ये शहादत खराब नहीं जानी चाहिए चाहे मेरा शव सड़क पर रखना पड़ा। उन्होंने लिखा कि भगत सिंह ने देश के लिए जान दी थी और मैं किसान के लिए जान दे रहा हूँ। उन्होंने अपने गांव के किसानों से अपील करते हुए लिखा कि वह अपना हक लेकर ही वापस जाएं।

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