HEADLINES


More

बकाया संपत्ति कर की वसूली करने के लिए बड़ी 200 इकाईयों को सील करने का अभियान चलाया

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 9 March 2021 0 comments
pramod goyal
//# Adsense Code Here #//

 फरीदाबाद, 9 मार्च। निगमायुक्त यषपाल यादव के निर्देषानुसार आज नगर निगम ने बकायेदारों पर षिकंजा कसते एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। आज लगभग 13 करोड़ 58 लाख रूपये बकाया संपत्ति कर की वसूली करने के लिए बड़ी 200 इकाईयों को सील करने का अभियान चलाया हुआ है। निगम के सातों जोनों ने आज 152 इकाईयों को सील कर दिया गया। 26 इकाईयांे का मौके पर सम्पत्ति कर का भुगतान प्राप्त करते हुए 41 लाख 25 हजार रूपये की राषि वसूल की गई। सीलिंग की कार्यवाही में एनआईटी जोन प्रथम की 14 यूनिटों, द्वितीय जोन की 41 यूनिटों, तृतीय जोन की 9 यूनिटों, ओल्ड प्रथम जोन की


36 यूनिटों, ओल्ड जोन द्वितीय की 16 यूनिटों, बल्लबगढ़ जोन प्रथम की 28 यूनिटों तथा बल्लबगढ़ जोन द्वितीय की 8 यूनिटों को जिन पर लाखों रूपये का सम्पत्ति कर बकाया था आज निगम द्वारा उनको सील कर दिया गया।

निगमायुक्त यषपाल यादव ने बताया कि निगम क्षेत्र में लगभग 9300 ऐसे बकायादार है जिनके विरूद्ध संपत्ति कर का 50 हजार रूपये या इससे अधिक की राषि बकाया है। इस राषि की वसूली के लिए निगम प्रषासन केे द्वारा प्रथम कार्यवाही में 200 डिफाल्टर्सो को नोटिस भेजकर आगाह किया गया था कि वे अपना बकाया संपत्ति कर शीघ्र जमा कर दे, अन्यथा हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत उनकी संपत्ति को सील करने के साथ-साथ अन्य कड़ी कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी, लेकिन इन बकायेदारों ने इन नोटिसों की परवाह नहीं की जिसके कारण आज सीलिंग की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि निगम के सातों जोनों में अब ऐसी इकाईयों को सील करने का अभियान आज से शुरू कर दिया गया है जो निरंतर जारी रहेगा।
निगमायुक्त ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक की संपत्ति कर की राशि आगामी 31 मार्च 2021 तक एक मुश्त जमा करने वाले करदाताओं को संपूर्ण ब्याज माफ किया जा रहा है। इसके इलावा वर्ष 2019-20 के संपत्ति कर की राषि जमा करने पर 10 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है। उन्होंने करदाताओं से अपील की है कि वे सरकार की इस योजना का भरपूर लाभ उठाए जिससे कि उन्हें नगर निगम प्रशासन की दण्डात्मक कार्यवाही का सामना न करना पड़े।

No comments :

Leave a Reply