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फरीदाबाद,12 मार्च।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की निजीकरण की मुहिम के खिलाफ 15 मार्च बल्लभगढ़ व फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। आंदोलन की अगली कड़ी में निजीकरण के खिलाफ 26 मार्च को डीसी आफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा। यह फैसला शुक्रवार को जिला कार्यालय में आयोजन सकसं की जिला कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। इन प्रदर्शनों में दस केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़े मजदूर व आंदोलनरत किसान भी शामिल होंगे। जिला प्रधान अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिला एवं खंड कमेटियों और विभागीय संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ के महासचिव युद्धवीर सिंह खत्री, एएचपीसी वर्कर यूनियन के सीसी सदस्य शब्बीर अहमद गनी, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार, मैकेनिकल वर्कर यूनियन के नेता अतर सिंह केशवाल मौजूद थे। बैठक में निजीकरण विरोधी दिवस 15 मार्च को रेलवे स्टेशनों के प्रदर्शनों और डीसी आफिस पर आयोजित प्रदर्शनों को सफल बनाने के लिए सभी विभागों में गेट मीटिंग करने का फैसला लिया गया। बैठक में रोड़वेज विभाग के एक हजार ड्राइवरों को सरप्लस करने और आश्वासन के बावजूद बर्खास्त पीटीआई को अभी तक एडजस्ट न करने की घोर निन्दा की।
प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार केरल सरकार की तर्ज पर कर्मियों व पेंशनर्स के डीए बहाल करने, छंटनी किए गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने, ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मियों को सीधे विभागों के पे-रोल पर कर पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन बहाल करने,एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तो को हटाने,पांच साल में पे रिवीजन करने,8-16-24 की बजाय 5-9-14 साल बाद एसीपी का लाभ देने आदि मांगों का समाधान करने की बजाय सार्वजनिक क्षेत्र को कोड़ियों के भाव में बेचने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि इस निजीकरण की मुहिम के खिलाफ बैंक कर्मचारी 15-16 मार्च को देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। इसी प्रकार 17 मार्च को बीमा कर्मचारी यूनियनों और 18 मार्च को जीवन बीमा कर्मचारी यूनियनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सकसं इन हड़तालों का पुरजोर समर्थन का ऐलान करते हुए निजीकरण के खिलाफ आयोजित इन हड़तालों के साथ सक्रिय एकजुटता प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा 25 नवंबर से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर निरंतर चल रहे किसान आंदोलन के प्रति केन्द्र सरकार के अहंकारी रवैए की घोर निन्दा करता है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय आम बजट में करीब सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को बेचकर 2.70 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस और खाने पीने की कीमतों में भयावह वृद्धि होने से गरीबों और मजदूरों के बजट को बिगाड़ के रख दिए हैं। मंहगाई भत्ते पर लगी रोक से प्रत्येक कर्मचारी को औसतन 72 हजाा रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है और जो कर्मचारी जून 2021 तक रिटायर होंगे या हो चुके हैं उन्हें पेंशन,लीव एन कैशमेंट व ग्रेज्यूटी में 2.72 तक का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व विभागीय संगठनों के पदाधिकारी रविन्द्र नागर, राजबीर नागर, मास्टर भीम सिंह, बीरेंद्र सिंह, रमेश चन्द्र तेवतिया,उपकार फोगाट, मुकेश बेनीवाल, दर्शन सोया व अनूप चिंडालिया आदि उपस्थित थे।
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