फरीदाबाद 13 फरवरी ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन यूनियन की बैठक पल्ला बाईं पास स्थित यूनियन कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान भोपाल सिंह ने की जबकि संचालन घनश्याम डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी ने किया। इस अवसर पर सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल और जिला कमेटी के सदस्य श्री के पी सिंह ने विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में आगामी 16 फरवरी को सीटू राज्य कमेटी के आह्वान पर परिवहन मंत्री के घेराव करने के कार्यक्रम में भाग लेने का प्रस्ताव पास किया गया। सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने जिला प्रशासन पर ऑटो ड्राइवर रिक्शा यूनियन की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 22 फरवरी 2020 को एसीपी सराय के साथ सेक्टर 37 के थाने में ऑटो ड्राइवर यूनियन के विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त बैठक हुई थी। इस फैसले को एक पक्ष ने लागू नहीं किया। इसकी रिपोर्ट जब उच्च अधिकारी को की गई तो उन्होंने उस पक्ष पर कोई लगाम नहीं लगाई। जिसकी वजह से एक पक्ष के साथ पुलिस के अधिकारी सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। फिर 26 नवंबर 2020 को थाना प्रभारी सराय के साथ दोनों पक्षों की फिर बैठक हुई। जिसमें सराय बॉ
र्डर पर दोनों को अलग-अलग ऑटो स्टैंड अलाट किए गए। इस फैसले को भी दूसरे पक्ष ने लागू नहीं किया। तभी से पुलिस प्रशासन सीटू से संबंधित यूनियन के साथ भारी अन्याय कर रही है। सेक्टर 37 की पुलिस सराय पर ऑटो रिक्शा खड़े नहीं देती है। सीटू नेतृत्व ने पुलिस प्रशासन की पक्षपातपूर्ण नीति का डट कर विरोध करने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रशासन पर ऑटो ड्राइवर यूनियन की जायज मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि यह सरकार ऑटो ड्राइवर यूनियन की की उपेक्षा कर रही है। उन्हें फरीदाबाद बॉर्डर पर ऑटो रिक्शा स्टैंड नहीं दिया जा रहा है। आज की बैठक में राज्य कमेटी के आव्हान पर मांगों के समर्थन मे सैकड़ों कार्यकर्ता भी 16 फरवरी को कैबिनेट मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के कार्यालय के घेराव में शामिल होंगे।इस प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन की मांगों का ज्ञापन देंगे। क्योंकि हरियाणा सरकार ने नई परिवहन नीति बना दी है। जिसमें ऑटो रिक्शा ड्राइवर को भी भारी नुकसान हो रहा है पुलिस जब चाहती है। छोटी सी आपत्तियां लगाकर ऑटो का चालान कर देती है। ऑटो ड्राइवरों को अपनी मेहनत की कमाई में से बहुत बड़ी राशि चालान के रूप में प्रशासन को देनी पड़ती है। वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि केंद्र की सरकार किसान आंदोलन को तानाशाही पूर्ण तरीके से दबाना चाहती है इस सरकार ने आजादी से पहले बने श्रम कानूनों को बदल कर मजदूरों के हितों पर करारी चोट मारी है।अब न्यूनतम वेतन भुगतान का कानून भी नहीं रहा। यूनियन बनाने हड़ताल करने के अधिकारों को भी छीना जा रहा है। ऑटो ड्राइवर रिक्शा यूनियन ने विश्वास दिलाया है कि यूनियन के प्रत्येक आंदोलन में ऑटो ड्राइवर रिक्शा यूनियन के सदस्य भाग लेंगे। आज की सभा को हंसराज भाटी, टेकचंद भडाणा, मुकेश भडाणा, भोला सिंह ने भी संबोधित किया।
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