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शिक्षा निदेशक पंचकूला ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर आदेश दिया है कि हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले का सभी प्राइवेट स्कूलों से सख्ती से पालन कराया जाए। यहां बता दें कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 1अक्टूबर को फैसला दिया था कि जो प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं वे ही गत वर्ष वाली सिर्फ ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से लें। ऑफलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूल ट्यूशन फीस लेने के हकदार नहीं होंगे। हाईकोर्ट ने यह भी फैसला दिया था कि स्कूल प्रबंधक पिछले 6 महीने की अपने स्कूल की ऑडिट बैलेंस शीट 15 दिन में कोर्ट में जमा कराएं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर व जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद व पलवल को पत्र लिखकर कहा है कि ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले जिन प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस के साथ साथ एनुअल चार्ज व अन्य फंडों में और ऑफलाइन पढ़ाई कराने वाले स्कूलों ने जो गैरकानूनी फीस वसूली है उसे पेरेंट्स को वापस कराया जाए या आगे के महीनों की ट्यूशन फीस में एडजस्ट कराया जाए। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि ग्रैंड कोलंबस, डीएवी 14,एपीजे, डीपीएस 19,81 व बल्लभगढ़, मानव रचना, अरावली आदि अधिकांश स्कूलों ने पेरेंट्स से उनके बच्चों को हरासमेंट करने का डर दिखाकर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस के साथ साथ एनुअल, डेवलपमेंट, आईटी चार्ज आदि फंडों में गैरकानूनी फीस वसूली है। जिसकी शिकायत पेरेंट्स ने कई बार चेयरमैन एफएफआरसी व जिला शिक्षा अधिकारी से की है लेकिन इन अधिकारियों ने पेरेंट्स के हित में कोई भी उचित कार्रवाई ना करके स्कूल वालों को पूरा मौका दिया है कि वे अभिभावकों से गैरकानूनी फीस वसूल सकें।
कैलाश शर्मा ने बताया कि मंच ने एफएफआरसी व डीईओ की इस कार्यशैली की शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव से की थी जिसके बाद शिक्षा निदेशक ने यह आदेश निकाला है। मंच ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर इस विषय पर सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगने का आग्रह किया है। इसके अलावा मंच ने चेयरमैन एफएफआरसी व जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि स्कूलों द्वारा वसूली गई गैर कानूनी फीस को लेकर दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए और वसूली गई गैरकानूनी फीस की रकम को अभिभावकों को वापस कराया जाए या आगे की फीस में एडजस्ट कराया जाए। मंच ने पेरेंट्स से भी कहा है कि वे वसूली गई गैरकानूनी फीस को वापस करने या एडजेस्ट करने के लिए अपने स्कूल के प्रबंधक को पत्र लिखें और उसकी प्रति चेयरमैन एफएफआरसी व जिला शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ अभिभावक मंच को भी उपलब्ध कराएं।
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