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शिक्षा विभाग की लापरवाही का नमूना,दो एकड़ में प्राइमरी स्कूल व आधा एकड़ में सीनियर सेकेंडरी स्कूल

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 2 February 2021 0 comments
pramod goyal
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 फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक मामला प्रकाश में आया है। सेक्टर 9 में 2 एकड़ जमीन पर सरकारी प्राइमरी स्कूल और सेक्टर 10 में आधा एकड़ जमीन पर सरकारी  सीनियर सेकेंडरी स्कूल कार्यरत है। सेक्टर 9 के प्राइमरी स्कूल में  छात्रों की संख्या 50 से भी कम है तो वहीं सेक्टर 10 के स्कूल में भी सिर्फ डेढ़ सौ के लगभग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। हकीकत यह है कि 2019 में अपग्रेड किए गए सेक्टर 10 के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक भी बच्चा 10वीं, 11वीं,व 12वीं में दाखिल नहीं हुआ है।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसे अंधा शिक्षा विभाग और चौपट जनप्रतिनिधि का एक सबसे बेहतरीन नमूना बताया है। मंच ने मुख्यमंत्री,

शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षा विभाग की इस लापरवाही व असमानता व शिक्षा नियमावली के नियमों के विरुद्ध हुए इस कार्य की जांच कराने और सेक्टर 9 में 2 एकड़ जमीन पर चल रहे प्राइमरी स्कूल को सीनियर सेकेंडरी स्कूल  बनाने की मांग की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने इन दोनों स्कूलों के क्षेत्र के विधायक नरेंद्र गुप्ता से भी मांग की है कि वह इस असमानता को दूर करके सेक्टर 9 के सरकारी स्कूल को वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में अपडेट कराएं और इसके लिए जरूरी बिल्डिंग और कमरों का निर्माण करवाएं। जिससे इस क्षेत्र के गरीब व मध्यम परिवारों के बच्चे 12वीं तक की पढ़ाई कर सकें। कैलाश शर्मा ने कहा है कि हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 10 का स्कूल जितनी जगह में बना हुआ है उतनी जगह एक सरकारी मिडिल स्कूल के लिए होती है जबकि बिना देखे और सोचे समझे राजनीतिक कारणों से इसे बारहवीं तक अपग्रेड कर दिया गया है।जो कि शिक्षा नियमावली के नियमों के विरुद्ध है।
मंच की जिला कमेटी ने सेक्टर 9 के स्कूल में जाकर निरीक्षण करने के बाद पता लगाया कि इसमें तीन पुराने कमरे बने हुए हैं जो जर्जर हालत में है। बाद में 6 नए कमरों का निर्माण किया गया है जिसमें से तीन कमरों में कबाड़ का सामान रखा हुआ है शेष तीन कमरों में ही बच्चों की पढ़ाई हो रही है। इस स्कूल में रोटरी क्लब एनआईटी ने एक लाख खर्च करके शौचालय व स्कूल गेट बनाए हैं लेकिन उसका कोई भी फायदा छात्रों को नहीं मिल पा रहा है क्योंकि छात्रों की संख्या बहुत कम है। मंच ने सभी विधायकों से अपील की है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों में जाकर वहां की समस्याओं व संसाधनों की कमी आदि का पता लगाकर उन्हें दूर कराने का प्रयास करें। जिससे अभिभावकों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर हो सके। कैलाश शर्मा ने बताया है कि मंच के प्रयास से ही फरीदाबाद जिले के 5 सरकारी स्कूलों में नई आधुनिक बिल्डिंग व कमरों का निर्माण किया जा रहा है। जनप्रतिनिधि अगर प्रयास करें तो सभी सरकारी स्कूलों की कायापलट हो सकती है। उन्हें जनहित में यह प्रयास करने चाहिए।

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