गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने मंगलवार को झड़प का रूप ले लिया था. इसमें 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. सिंघु बॉर्डर पर आज किसान नेता इकट्ठे हुए और उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए शांति से आंदोलन करते रहने की बात कही.
किसान संगठन के सभी नेताओं ने मंच से किसानों को शांत रहने के लिए कहा. संगठनों ने कहा कि ये आंदोलन लंबा चलने वाला है. हिंसा करने वालों से हमारा कोई लेना-देना नहीं. दीप सिद्धू और कुछ लोगों ने शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम किया है. कुछ किसान नेताओं ने आंदोलन पर कालिख पोतने का काम किया है. दीप सिद्धू सरकार का आदमी है. इस साजिश को समझने की जरूरत है कि लालकिले तक ये लोग कैसे पहुंच गए. पुलिस ने उन्हें जाने क्यों दिया.
संयुक्त मोर्चा के किसान नेताओं ने कहा कि कुछ लोगों ने पीछे से वार करने का काम किया है. जिन्होंने मंगलवार को लालकिले में गलत चीजें, ये सही नहीं है. उन्होंने 60 दिन के आंदोलन को बदनाम किया है. लालकिले में जिन लोगों ने झंडा फहराया वे गद्दार हैं. हमारा आंदोलन तब तक चलेगा जब तक तीनों कानून रद्द नहीं हो जाते.
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों से बातचीत की गयी, जहां किसानों ने लालकिले पर तिरंगे की जगह सिख समाज का झंडा लगाना गलत ठहराया है. इससे किसान आंदोलन को ठेस पहुंची है. हिंसा गलत है.
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