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फरीदाबाद 25 दिसंबर तीन नए कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर किसान संगठनों के देशव्यापी आंदोलन के समर्थन में आज शनिवार को धोज, और सिरोही में किसानों की सभाएं हुई। इसकी अध्यक्षता किसान नेता जमालुद्दीन ने की। जबकि सभा का संचालन सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरो
प लगाया। उन्होंने कहा कि देश के कृषि मंत्री आंदोलनरत किसानों से वार्तालाप करने के बजाए ऐसे लोगों से बातचीत कर रहे है जिनका किसानों के आंदोलन से कुछ भी लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि इन तीन कृषि कानूनों को लागू करने की मांग देश के किसानों कभी भी नहीं की थी। जब देश में मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और एपीएमसी नहीं रहेगी तो किसानों को उनकी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य कौन देगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों की भूमि को पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए कानून बनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने खेती किसानी को बर्बाद करने के लिए आनन-फानन में तीन कृषि कानूनों को पास कराया । उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आम जनता की बातों को सुना जाना चाहिए लेकिन केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इन बिलों को बिना बहस के ही पास करा दिया। जबकि देश का अन्नदाता किसान इन तीनों कानूनों से सहमत नहीं है। फिर भी केंद्र की सरकार किसानों की मांगों को अमलीजामा नहीं पहना ना चाहती है। केंद्र की सरकार को किसानों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही है। जबकि लगातार सर्दी बढ़ रही है।इस कड़ाके की ठंड के बावजूद किसानों के हौसले बुलंद हैं। जब तक केंद्र की सरकार इन तीन कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करती है। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। डंगवाल ने कहा कि फरीदाबाद के प्रत्येक गांव में किसान आंदोलन के समर्थन में सभाएं की जाएंगी इसके लिए अभियान को तेज किया जा रहा है। आज की सभा को अतर सिंह और रमेश वर्मा, साहू न, हारून, और शहाबुद्दीन ने भी संबोधित किया।
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