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केन्द्र एवं राज्य सरकार की कर्मचारी, मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल का व्याप्त असर -

Posted by : pramod goyal on : Thursday 26 November 2020 0 comments
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 फरीदाबाद,26 नवंबर। केन्द्र एवं राज्य सरकार की कर्मचारी, मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आयोजित हड़ताल का विभिन्न विभागों में व्याप्त असर रहा। हड़ताल के कारण अनेक विभागों में काम काज बुरी तरह प्रभावित रहा। हड़ताली कर्मचारियों ने अपने अ


पने कार्यालयों के बहार धरने लगाए और केन्द्र एवं राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ और पूरानी पेंशन बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधे विभागों के पे रोल पर लेने, रेगुलराइजेशन की नीति बनाने,जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने,जबरन तरीके से पारित किए तीन कृषि बिलों व श्रम कानूनों को रद्द करने के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। इसके बाद निगम मुख्यालय पर एकत्रित हो कर कर्मचारियों ने जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। जेसी बोस युनिवर्सिटी वाईएमसीए के कर्मचारियों ने अपने नेता विजय कुमार, अश्वनी गौड़, अशोक कुमार व रिचा रानी व पूरन लाल आदि के नेतृत्व में लंच टाइम में जोरदार प्रदर्शन किया।


सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर, कोषाध्यक्ष युद्धवीर सिंह खत्री,उप प्रधान अतर सिंह केशवाल ने हड़ताल की सफलता का दावा किया है। उन्होंने कहा कि एसकेएस के नीतिगत निर्णय के अनुसार आवश्यक सेवाओं को बाधित नही किया गया। आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने के बाद भी आवश्यक सेवाओं को सुचारू रूप से चलने में सहयोग किया। प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर नगर निगम में रहा। बल्लभगढ़,ओल्ड व निगम मुख्यालय में हड़ताल के चलते सन्नाटा पसरा रहा और मेन गेट पर ताले लगे रहे। तीनों दफ्तरों में कोई काम काज नही हुआ, पब्लिक डिलिंग का कोई काम नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मिनिष्ट्रीयल व तकनीकी स्टाफ अपने नेता जगदीश प्रभाकर, दिनेश,खुर्शिद अहमद व धर्मबीर वैष्णव के नेतृत्व में हड़ताल में शामिल हुए। जिसके कारण काम काज बुरी तरह प्रभावित रहा। बिजली निगम के अधिकतर कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से बिलों व बिजली संबंधी शिकायतों का निपटारा नहीं हो सका। जिसके कारण उपभोक्ताओं को निराश होकर वापस लोटने पर मजबूर होना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग के आपातकालीन सेवाओं में तैनात कर्मचारियों को छोड़कर बाकी ठेका कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए और प्रर्दशन किया। हरियाणा टूरिज्म के सूरजकुंड, बड़खल, मेगपाई, गोल्फ कोर्स, होटल राजहंस पर्यटन स्थलों के लगभग शत-प्रतिशत कर्मचारी हड़ताल पर रहे, जिसके चलते तंदूर भी ठंडे पड़े रहे। जन स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होकर काम काज ठप्प कर दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रर्दशन किए। पशुपालन एवं डेयरी विभाग में भी हड़ताल का असर रहा और लगभग शत-प्रतिशत वीएलडीए हड़ताल में शामिल रहे। स्कूल बंद होने के कारण सभी टीचर हड़ताल में शामिल हुए। पंचायत विभाग के मातहत काम करने वाले ग्रामीण सफाई कर्मचारी, आंगनबाड़ी, आशा व मिड डे मील वर्करों ने भी बढ़ चढ़ कर हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने बताया कि आईटीआई,वन सहित अनेक विभागों के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करके प्रदर्शनों में भाग लिया। इसके अलावा बैंक, बीमा,डाक तार, भूजल बोर्ड, आयकर, प्रतिरक्षा, इंडियन आयल आदि में कार्यरत कर्मचारियों ने हड़ताल में भाग लिया। सीटू,एटक, एचएमएस, इंटक आदि मजदूर संगठनों से जुड़े प्राईवेट कारखानों में काम करने वाले मजदूर भी बड़ी संख्या में हड़ताल में भाग लिया और अलग-अलग स्थानों पर प्रर्दशन किए। प्रदर्शनों को कर्मचारी नेता राजबेल देसवाल, शब्बीर अहमद गनी, गुरचरण खाडिया, सोमपाल झंझोटिया, कृष्ण कुमार, रमेश चन्द्र तेवतिया,भूप सिंह, गिरीश राजपूत, दिनेश शर्मा, सतीश छाबड़ी,असरफ गांधी, मास्टर भीम सिंह, मनोज जाखड़, जोगेंद्र सिंह, रमेश जागलान, खुर्शिद अहमद, दिनेश कुमार, धर्मबीर वैष्णव, नरेश कुमार, जगदीश चंद्र, सुभाष देसवाल,डिगम्बर डागर, गांधी सहरावत,अतर सिंह केशवाल,पूर्ण चंद दहिया आदि ने संबोधित किया।

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