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कोविड-19 में पटाखे और पराली न जलाएं, ग्रीन दीपावली मनाएं

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 10 November 2020 0 comments
pramod goyal
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 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइडस ने कोरोना के समय में ग्रीन दीपावली का संदेश देते हुए पटाखे और पराली न जलाने का आह्वान किया। ब्रिगेड प्रभारी, जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा


कि कोविड-19 के साथ-साथ बढ़ता प्रदूषण आज बेहद ज्वलंत विषय है और हमें अपने शहर, राज्य और देश को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए गंभीरता से चिंतन करना होगा। इस मुहिम में हम सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि बच्चों पर हमारा और शिक्षकों का   सकारात्मक प्रभाव सब से अधिक होता है। अभिभावकों की अपेक्षा बच्चे शिक्षक की बातों और संदेशों को जल्दी अपनाते हैं। इसलिए शिक्षक विभिन्न कार्यक्रमों या ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से बच्चों को इस दीपावली पर पटाखे न जलाने का संदेश देते हुए प्रेरित कर रहे हैं ताकि हम प्रदूषण मुक्त वातावरण में रह सकें। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि पटाखों से वातावरण प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी होता है वहीं इससे लोगों को सांस, आंखों व कानों की बीमारियां होती हैं। पशु-पक्षियों के लिए भी पटाखों का शोर और धुआं खतरनाक है। इसलिए हमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए इनके प्रयोग से और पराली को जलाने से बचना चाहिए। दीपावली का पर्व हम सबके लिए खुशियों भरा बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से मनाएं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढऩे के साथ-साथ कोविड-19 के फैलाव के भी बढऩे की संभावना रहती है। हमे कोविड के फैलाव को रोकने के लिए दिवाली को प्रदूषण मुक्त व भाईचारे से मनाने की आवश्यकता है। त्यौहार के सीजन के मद्देनजर बाजारों में अधिक भीड़-भाड़ रहती है। हमारे द्वारा बरती गई छोटी सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है इसलिए जब तक दवाई नहीं तब तक कोई ढिलाई नहीं उन्होंने कहा कि बहुत जरुरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और मास्क का प्रयोग जरुर करें व अधिक भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, छात्राओं ने ईको फ्रेंडली दिवाली के लिए सभी को जागरूक किया और विद्यार्थियों ने बताया कि दिवाली रोशनी और खुशियों का प्रतीक है, जबकि आजकल यह त्योहार मात्र शोर और धुएं की वजह से वातावरण के लिए नुकसानदायक बन गया है। अतः हम सभी को प्रयास करना है कि कोरोना और स्मॉग के कारण कूड़ा करकट, पराली और पटाखे न जला कर ईको फ्रेंडली दीपावली पर्व मिट्टी के दीये जला कर मनाएं। आज प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा, प्राध्यापिका जसनीत कौर तथा छात्राओं निशा, तबिन्दा, अंजलि, खुशी, हर्षिता और अर्पिता ने प्रदूषण रहित दीपावली मनाने की अपील की।


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